नई दिल्ली। नई दिल्ली से राजेंद्रनगर नगर टर्मिनल (पटना) के बीच चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में मंगलवार को इतने यात्री सवार हो गए कि उसका एक डिब्बा बैठ गया। हालात को देखते हुए रेलवे के मैकेनिकल विभाग ने गाड़ी चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद यात्रियों को जबरन उतारकर जांच की गई और करीब 1.50 घंटे की देरी से ट्रेन को रवाना किया गया। दरअसल, स्टेशन के प्लेटफ ार्म संख्या 16 पर मंगलवार को संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस सामान्य दिनों की तरह चलने को तैयार थी। गाड़ी के सभी डिब्बे यात्रियों से खचाखच भरे हुए थे। ट्रेन को निर्धारित समयानुसार शाम 5.25 बजे रवाना होना था। तभी रेल कर्मियों की नजर सामान्य श्रेणी के डिब्बे पर पड़ी, जो यात्रियों के बोझ से बैठ गया है। इसकी सूचना मिलते ही रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर डिब्बे को खाली कराया। इसके बाद गाड़ी की जांच की गई और डिब्बे को ठीक करने के बाद ट्रेन करीब 7.15 बजे रवाना की गई।
पटरी से उतरने का खतरा रेलवे के मैकेनिकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि गाड़ी को चलने की अनुमति दी जाती तो उसके पटरी से उतरने का खतरा था। इसके मद्देनजर ट्रेन को रोका गया और मरम्मत के बाद ही रवाना किया गया।
बिहार की ट्रेन में ज्यादा भीड़
बिहार की ओर जाने वाली ज्यादारत ट्रेन, प्रमुख रूप से बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली, पूर्वा और महाबोधी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन में क्षमता से अधिक लोग यात्रा करते हैं। बड़ी संख्या में यात्री जुर्माना देकर स्लीपर डिब्बों में भी यात्रा करते हैं। इस घटना के बाद उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नितिन चौधरी ने बताया कि संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस जैसी घटना दोबारा न हो इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में सुरक्षाकर्मियों की तैनात की जा रही है, ताकि डिब्बों में क्षमता से अधिक लोगों को चढऩे से रोका जा सके।
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