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साल 2020: सरकार ने इन 6 कंपनियों को बंद करने का लिया फैसला

केंद्र सरकार ने वर्षों से घाटे में चल रहीं कई कंपनियों को साल 2020 में बंद करने का फैसला लिया. जिन कंपनियों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया, उनमें से कुछ कंपनियों के कुछ साल पहले तक बड़ा नाम और बड़ा कारोबार था. साल 2020 में सरकार ने ऐसी 6 कंपनियों को बंद करने का ऐलान किया.

सरकार ने संसद में बताया था कि 20 कंपनियों (CPSEs) और उनकी यूनिट्स में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. वहीं वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 6 सरकारी कंपनियां (CPSE) को बंद करने फैसला लिया गया है. जिन सरकारी कंपनियों को बंद करने/मुकदमेबाजी पर विचार किया गया, उनमें हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड (HFL), स्कूटर्स इंडिया, भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड शामिल हैं. आइए जानते हैं इन कंपनियों के बारे में.



हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड: हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड रसायन और पेट्रो रसायन विभाग के तहत आने वाली सरकारी कंपनी है. घाटे में चल रही इस कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को स्वैच्छिक पृथक्करण और सेवानिवृत्ति योजना के तहत उचित हर्जाना दिया जाएगा. इसके लिए सरकार कंपनी को बिना किसी ब्याज के 77.20 करोड़ रुपये देगी. इसकी भरपाई कंपनी की जमीन और संपत्ति बेचकर प्राप्त धन से की जाएगी.

स्कूटर्स इंडिया: देश को लम्ब्रेटा, विजय डीलक्स और विजय सुपर जैसे स्कूटर देने वाले स्कूटर इंडिया लिमिटेड को केंद्र सरकार ने बंद करने का ऐलान किया है.आखिरी बार 1980 में स्कूटर इंडिया ने बाजार में लम्ब्रेटा लॉन्च किया था. इस कंपनी के सभी प्लांट बंद हैं.

भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड: भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड भारत सरकार की एक लघुरत्न कंपनी है. यह रेसिप्रोकेटिंग पम्प, सेन्ट्रिफ्युगल पम्प, रेसिप्रोकेटिंग कम्प्रेसर, और उच्च दाब के सीवनहीन (सीमलेस) गैस सिलेंडर बनाती थी. इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है.

भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड: भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड भारत सरकार की एक लघुरत्न कंपनी है. यह रेसिप्रोकेटिंग पम्प, सेन्ट्रिफ्युगल पम्प, रेसिप्रोकेटिंग कम्प्रेसर, और उच्च दाब के सीवनहीन (सीमलेस) गैस सिलेंडर बनाती थी. इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है.



हिंदुस्तान प्रीफैब: हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल) भारत के सबसे पुराने सीपीएसई में से एक है. एचपीएल को 1948 में एक विभाग के रूप में स्थापित किया गया था. भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से पलायन कर रहे लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इसकी स्थापना की गई थी. बाद में एचपीएल को 1953 में हिंदुस्तान हाउसिंग फैक्टरी लिमिटेड के नाम से एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया. 9 मार्च 1978 को कंपनी का नाम बदल कर हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड रखा गया.

हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड: हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट (HNL) को केरल के वेल्लूर में 7 जून 1983 को हिन्दुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्वाधीन सहायक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था. साल 1998 में एचएनएल आकर्षक आईएसओ 9002 प्रमाणन प्राप्त करने वाली देश की प्रथम न्यूजप्रिण्ट निर्माता बनी. अब कंपनी पर ताला लटका हुआ है.



कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (केएपीएल): सन् 1984 में एक मामूली शुरुआत से केएपीएल विभिन्न जीवन रक्षक और आवश्यक दवाओं के निर्माण और विपणन के क्षेत्रों में मजबूती के साथ कदम रखा था. आईएसओ मान्यता के साथ, केएपीएल को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गुणवत्ता और सेवाओं के लिए अपनी कुल प्रतिबद्धता के लिए पहचाना जाता था.

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