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EXCLUSIVE: तकनीकी कॉलेजों ने निरीक्षण करने वाली समिति को दिया पारिश्रमिक और उपहार तो हो सकती है कार्रवाई

गैर अनुदान प्राप्त तकनीकी कॉलेजों को जांचने बनी समिति

रायपुर। राज्य शासन द्वारा कॉलेजों के लिए गठित प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अनिल कुमार शुक्ला ने गैर अनुदान प्राप्त तकनीकी कॉलेजों के प्रबंधनों को परिपत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने संबंधित कॉलेज प्रबंधनों से आग्रह किया है कि समिति की ओर से आने वाले निरीक्षणकर्ताओं को किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक या उपहार नहीं दिया जाए। प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति का गठन ऐसे तकनीकी कॉलेजों के लिए किया गया है, जिन्हें राज्य शासन से अनुदान प्राप्त नहीं होता। समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अनिल शुक्ला ने कहा कि कई तकनीकी कॉलेजों के निरीक्षण के दौरान निरीक्षणकर्ताओं को कॉलेज प्रबंधन द्वारा पारिश्रमिक (रेमुनरेशन) देने की पेशकश की जाती है, जो सर्वथा गलत है।

उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य के रूप में निरीक्षणकर्ताओं को वेतन अथवा मानदेय दिया जाता है। उन्हें संबंधित कॉलेजों से पारिश्रमिक के रूप में कुछ भी राशि प्राप्त करने के निर्देश नहीं है। श्री शुक्ला ने यह भी बताया कि उन्होंने दिसम्बर 2017 में कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति के वर्ष 2008 के अधिनियम के लिए नियम तथा विनियम तैयार कर राज्य शासन को राजपत्र में प्रकाशन के लिए भेज दिया है। इसके प्रकाशन के बाद फीस निर्धारण तथा समिति का काम-काज और भी अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से संचालित होने लगेगा।

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