नई दिल्ली। लालकिला को एक बड़े कॉरपोरेट हाउस डालमिया ग्रुप ने अपना बना लिया है। देश के इस ऐतिहासिक धरोहर को संवारने की खातिर डालमिया ग्रुप ने 25 करोड़ की डील की है। इस तरह ये ऐतिहासिक स्मारक गोद में लेने वाला भारत का ये पहला कॉर्पोरेट हाउस बन गया है। डालमिया ग्रुप ने ये कॉन्ट्रैक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप को हराकर जीता है। जानकारी के मुताबिक सरकार की ऐतिहासिक स्मारकों को गोद देने की स्कीम एडॉप्ट ए हेरिटेज का हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक डालमिया ग्रुप संभवत: 23 मई से काम भी शुरू करने की प्रक्रिया में जुट जाएगी। हालांकि 15 अगस्त के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले जुलाई में डालमिया ग्रुप को लालकिला फिर से सिक्योरिटी एजेंसियों को देना होगा। इसके बाद ग्रुप एक बार फिर से लाल किले को अपने हाथ में ले लेगा। लालकिला के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर डालमिया भारत ग्रुप, टूरिज्म मिनिस्ट्री, आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के बीच बीते 9 अप्रैल को डील हुई है।
कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक ग्रुप को 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी। एक साल के भीतर इसे टेक्सटाइल मैप, टायलेट अपग्रेडेशन, रास्तो पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना होगा। इसके लिए डालमिया ग्रुप टूरिस्ट से पैसे चार्ज कर सकेगा। इसमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधा शामिल हैं। गु्रप को जितना पैसा मिलेगा उसे वो पैसा फिर से लाल किले के विकास पर ही लगाना होगा। इसके अलावा ग्रुप लालकिले के भीतर अपनी ब्रांडिंग का उपयोग कर सकेगा। लाल किला के बाद एडॉप्ट ए हेरीटेज के तहत जल्द ही ताजमहल को गोद लेने की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। ताज महल को गोद लेने के लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी अंतिम दौर में है। दरअसल, सरकार ने एडॉप्ट ए हेरीटेज स्कीम सितंबर 2017 में लॉन्च की थी। देश भर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों के लिए ये स्कीम लागू की गई है। इसमें ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, सती घाट और कोणार्क मंदिर जैसे कई प्रमुख स्थान हैं।
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