जोधपुर। कथावाचक आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग लड़की से रेप केस में दोषी ठहराया है। उसे उम्रकैद की सजा मिली है। आसाराम के साथ ही उसकी राजदार शिल्पी और शरतचंद्र भी दोषी ठहराए गए हैं, इन्हें 20-20 साल की सजा मिली है। वहीं, प्रमुख सेवादार शिवा और रसोइया प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया है। साल 2013 में आसाराम के खिलाफ यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली एक लड़की ने रेप का सनसनीखेज आरोप लगाया था। जोधपुर जेल में मामले की सुनवाई की गई। सजा की वजह से किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए जोधपुर में दो स्टेडियमों को अस्थायी जेल में तब्दील किया गया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने भी प्रदेश सरकार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने का आदेश दिया थे।
गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। इन तीनों राज्यों में आसाराम के हजारों समर्थक हैं। बीकानेर से मंगवाए ड्रोन के जरिए जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर निगरानी की जा रही है। पंचकूला की घटना से सबक लेते हुए राजस्थान पुलिस ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है, जोधपुर में धारा 144 लागू है और शहर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने 378 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया है। आसाराम को सितंबर 2013 में इंदौर के खंडवा रोड आश्रम से गिरफ्तार किया गया था. दूसरी तरफ आसाराम आश्रम की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी कर समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
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