नई दिल्ली। प्यार, शारीरिक संबंध और फिर बलात्कार के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि शादी करने का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने के मामले में सालों तक चले युवक-युवकी के रिश्ते को बलात्कार ठहराना कठिन है वह भी तब जब दोनों के बीच आठ साल से संबंध है। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता खुद मान रही है कि वह आठ सालों तक पति-पत्नि की तरह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से आरोप था कि वो पति-पत्नि की तरह 8 सालों तक साथ रहे और अब वह उससे भाग रहा है और धोखा दे रहा है।
पति का नाम शिवशंकर उर्फ शिवा है। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शिवाशंकर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने आदेश में कहा कि हमें इस बात से मतलब नहीं है कि अपीलकर्ता और शिकायतकर्ता वास्तव में विवाहित हैं या नहीं। इसमें कोई शक नहीं है कि वे विवाहित जोड़े की तरह से साथ रहे थे। कोर्ट ने कहा शिकायकर्ता भी मान रही है कि वे पति-पत्नि की तरह रहे, इसलिए आरोपी पर बलात्कार का आरोप बनाए रखना मुश्किल है। हालांकि, हो सकता है कि उसने शादी के लिए झूठा वादा कर दिया हो।
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