आगरा में तीन जूता कारोबारियों के 14 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी (Income Tax Raid) में करोड़ों की बेहिसाब दौलत बरामद हुई है।
शनिवार सुबह शुरू हुई यह कार्रवाई सोमवार तक जारी रही और अब तक 100 करोड़ रुपये की नकदी गिनी जा चुकी है। विभाग को आशंका है कि इन कारोबारियों के पास 150 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग (Income Tax) ने हींग की मंडी स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स, एमजी रोड स्थित बीके शूज और धाकरान चौराहा स्थित मंशु फुटवियर के 14 ठिकानों पर छापेमारी की। सबसे अधिक 60 करोड़ रुपये की नकदी हरमिलाप ट्रेडर्स के मालिक रामनाथ डैंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर मिली है।
आयकर विभाग (Income Tax) की टीमों को हरमिलाप ट्रेडर्स के यहां से गद्दों, तकिए, अलमारी, जूते के डिब्बे और दीवारों में 500-500 के नोटों की गड्डियां छिपी मिलीं। इतनी नकदी गिनने में 10 मशीनें गर्म होकर बंद हो गईं।
नोटों की गिनती के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कर्मचारियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। कार्रवाई टीम में आगरा, लखनऊ, कानपुर और नोएडा के 100 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं
आयकर विभाग (Income Tax) ने रामनाथ डैंग के आवास के अलावा बीके शूज BK Shoes और मंशु फुटवियर Manshu Footwear के कमला नगर स्थित पूर्ति निवास, बृज बिहार, एमजी रोड, पूर्वी विला सूर्य नगर, शंकर ग्रीन, सिकंदरा, हींग की मंडी स्थित श्रीराम मंदिर मार्केट और कार्यालय पर भी छापेमारी की।
आयकर विभाग को अब तक की जांच में जूता कारोबारियों के पास से भारी मात्रा में जमीन में निवेश और सोना खरीदने से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। कारोबारियों ने इनर रिंग रोड के पास जमीन में बड़ा निवेश किया है।
टीमें कारोबारियों के प्रतिष्ठानों से लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल फोन जब्त कर उनका डाटा निकाल रही हैं। स्टॉक रजिस्टर में भी चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं।
कार्रवाई के दौरान जूता कारोबार में चलने वाला पर्ची का खेल भी उजागर हुआ, जो पूरी तरह से अवैध है। जूता कारोबार उधार पर अधिक निर्भर है।
ट्रेडर्स और बड़े कारोबारी छोटे कारोबारियों को तुरंत भुगतान के बजाय पर्ची देते हैं, जिस पर तारीख और अवधि लिखी होती है। निश्चित तारीख पर पर्ची देने वाले कारोबारी से छोटे कारोबारी भुगतान प्राप्त कर लेते हैं।
इसमें ब्याज का मोटा खेल होता है और बेनामी संपत्ति जमा होती है। इस छापेमारी ने न केवल बड़े पैमाने पर नकदी और बेनामी संपत्ति का खुलासा किया है, बल्कि अवैध पर्ची कारोबार को भी उजागर किया है, जो इस उद्योग की गहरी समस्याओं की ओर इशारा करता है।
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