छत्तीसगढ़

छग का नियाग्रा ‘चित्रकोट’ बना टूरिज्म पुलिसिंग का गवाह

जगदलपुर। बस्तर का नाम देश-दुनिया में माओवाद के नाम से जाना जाता है। रायपुर क्षेत्र के लोग बस्तर आना नहीं चाहते हैं और बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता के दीदार करने से मरहूम हो जाते हैं। बस्तर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म पुलिसिंग का अभिनव प्रयास प्रारंभ किया गया और इस हेतु बस्तर संभाग के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी पुलिस मुहैया कराएगी साथ ही पर्यटकों को भी सुरक्षा उपलब्ध कर आएगी। बस्तर की नियाग्रा चित्रकूट में इसका भव्य लांचिंग पुलिस एवं पत्रकारों की उपस्थिति में किया गया जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके बारे में बताया इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक भी शामिल थे।
बस्तर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर लोहंडीगुड़ा जनपद पंचायत क्षेत्र में स्थित चित्रकोट जलप्रपात सामुदायिक पुलिसिंग का गवाह बना। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अब बस्तर पुलिस पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उसका प्रचार प्रसार करेगी और उसके साथ साथ उसको सुरक्षा भी मुहैया कराएगी। इसमें महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मी शामिल होंगे जो कि लोगों को बस्तर के पर्यटन क्षेत्रों के बारे में बताएगा।
बुधवार को नियाग्रा चित्रकूट में पुलिस के बड़े अधिकारियों ने इसका विधिवत उद्घाटन किया उससे पूर्व रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था जो कि पुलिस के द्वारा ही प्रस्तुत किया। चित्रकूट में आयोजित कार्यक्रम में आई जी विवेकानंद सिंहा डीआईजी पी सुंदरराज बस्तर पुलिस अधीक्षक डी श्रवण विशेष रुप से उपस्थित थे।

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