छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने कहा शिक्षाकर्मियों पर लगा एस्मा खत्म

मुख्य सचिव से मिलकर संघ राज्यभर के शिक्षाकर्मियों से एस्मा हटाने की करेगा मांग 
रायपुर। शिक्षाकर्मियों के खिलाफ लगाए गए एस्मा के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 6 साल पहले नोटिस देकर जबाव देने को कहा था, लेकिन सरकार ने आज तक कोई जबाव नहीं दिया है। अत: कोर्ट ने इस मामले को स्वत: ही समाप्त कर दिया है और कहा है कि अगर अब शिक्षाकर्मियों पर एस्मा लगाया तो यह मामला जीवित हो जाएगा। 2011 में पूरे राज्यभर में आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों पर एस्मा लगाया गया था। इस संबंध में शिक्षाकर्मी संघ के वीरेन्द्र दुबे का कहना है कि प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों पर एस्मा लगाया गया था। सभी इस मामले में कोर्ट गए थे। बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अब संघ मुख्य सचिव से मिलकर निवेदन करेगा कि जिन पर भी एस्मा लगाया गया था उन्हें समाप्त किया जाए। सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए एस्मा (सेवा अनुरक्षण कानून) बनाया गया है। 6 साल पहले आंदोलन के दौरान एस्मा लगाया गया था तब बिलासपुर के शिक्षाकर्मी वासुदेव पांडेय ने 22 नवंबर 2011 को हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा था जब सरकार शिक्षाकर्मियों को शासकीय सेवक नहीं मानता तो उन पर एस्मा कैसे लगाया जा सकता है। यदि एस्मा लागू होता है सरकार उन्हें शासकीय कर्मचारी मानें। इस पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने शासन से जबाव मांगा था। लगातार सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर कोई जबाव नहीं दिया गया तो कोर्ट ने कहा कि एस्मा का मामला 6 माह रहता है। इसके बाद वह स्वत: ही समाप्त हो जाता है।

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