कोरिया जिले में एक साल में 399 नवजात शिशुओं की मौत

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले में बीते एक साल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में नवजातों की मौत का आंकड़ा 399 तक पहुंच गया। इसके पहले फरवरी माह में यह आंकड़ा 308 नवजात बच्चों की मौत का था। वर्ष खत्म होने पर यह आंकड़ा महिने भर में 91 नवजातों की मौत हो चुकी है जो कि जिले के लिए चिंता विषय है। इसके अलावा 7 गर्भवती महिलाओं की भी मौत होना सरकारी रिकार्ड में बताया जा रहा है। इस संबंध में प्रभारी सीएमएचओ एसएस पैकरा का कहना है कि अब डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है, तभी इस पर काबू पाया जा सकेगा। जबकि कांग्रेस के पीसीसी सदस्य गुलाब कमरो का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री गंभीर नहीं है, सरकार स्वास्थ्य के मामले मेें लापरवाही बरत रही हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह छोटू का कहना है कि जिला प्रशासन में कसावट जैसी कोई बात है ही नहीं, सिर्फ डीएमएफ की राशि को लेकर आला अधिकारी व्यस्त हंै। इसके कारण अन्य विभागों को शासकीय योजनाओं से लोगों को लाभ दिलाने में कोई रूचि ही नही है। कोरिया जिले मेें स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल स्थिति में है।
छत्तीसगढ राज्य में साल भर में सबसे ज्यादा राजनांदगांव में 738, कांकेर 550, सरगुजा 538, बस्तर 532, कोरबा 476, दंतेवाड़ा 415 और उसके बाद कोरिया 7 वे स्थान पर 399 नवजातों की मौत पर आता है। जबकि कोरिया की जनसंख्या इन जिलों की तुलना में काफी कम है, यहां कोई बड़े उद्योग और फैक्ट्रियां भी नहीं है, ज्यादातर यहां आदिवासी निवास करते हैं। यहां लगभग प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ताला लटका रहता है, मैदानी अमले और अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां की स्थिति काफी बदहाल होती जा रही है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य, उप स्वास्थ्य केन्द्र में गर्भवती माता और जन्म लेने वाले जच्चा-बच्चा रजिस्टर को ऑन लाईन कर ई-महतारी मदर एंड चाईल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (ईएमटीएस) बनाया है। जिसमें 31 मार्च 2018 की स्थिति में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र के सरकारी आंकड़े दर्ज है। जिसमें सिर्फ बैकुंठपुर तहसील में 134 नवजात, खडग़वां तहसील 103 नवजात, भरतपुर तहसील में 50 नवजात, मनेन्द्रगढ़ तहसील में 86 नवजात व सोनहत तहसील में 26 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है।
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