रायपुर। विधानसभा में गुरुवार को खाद्यान्न योजना में अनियमितता का मामला उठा।
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह, धरमलाल कौशिक और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पांच हजार करोड़ का यह घोटाला है. अनियमितता पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मंत्री के जवाब पर सदन में शोरगुल मच गया। सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नारेबाजी होने लगी। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने वॉकआउट किया।
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने मामला उठाते हुए पूछा कि खाद्यान्न में हुई अनियमितता के संबंध में 24 मार्च 2023 तक की रिपोर्ट आने के बाद उपरांत जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। इस मामले में किन-किन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 2022-23 में बचत स्टॉक के सत्यापन के बाद अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। हाईकोर्ट में 34 याचिकाएं दायर हुई हैं। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही स्टॉक वितरण में अनियमितता की सही मात्रा और दोषी व्यक्तियों की अंतिम संख्या का निर्धारण होगा।
अमरजीत भगत ने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने केंद्र को दो चिट्ठी लिखी थी। केंद्र की टीम आई थी। केंद्र की टीम ने कहीं कोई गड़बड़ी नहीं पाई।
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