Breaking Newsदेश -विदेश

असिस्‍टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए अब पीएचडी की अनिवार्यता नहीं…

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब कॉलेजों में असिस्‍टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता नहीं होगी।

 

यूजीसी चेयरमैन ने बताया कि गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से यह महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। उन्‍होंने बताया कि इसी महीने 1 जुलाई से यह नए नियम लागू हो गए हैं। प्रोफेसर कुमार का कहना है कि असिस्‍टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी की योग्यता 01 जुलाई 2023 से केवल वैकल्पिक हो गई है। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत देशभर के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए नेट, सेट और एसएलईटी ही न्यूनतम मानदंड होंगे।

 

जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन मिनिमम क्‍वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्‍टाफ रेगुलेशन 2018 में संशोधन किया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा कि तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एतद्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हता तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रखरखाव हेतु अन्य उपाय संबंधी) विनियम, 2018 में यह संशोधन कर रहा है।

 

इसके अंतर्गत सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में सहायक आचार्य के पद पर सीधी भर्ती के लिए नेट, सेट, स्लेट न्यूनतम मानदंड होगा। परिणामत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता तथा उच्चतर शिक्षा में मानको के रखरखाव हेतु अन्य उपाय संबंधी) (प्रथम संशोधन) विनियम, 2021 में विनियम 3, के उप विनियम 3.10 को विलोपित कर दिया गया है।

 

गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों में ऐसे कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं जहां बड़ी संख्या में फैकल्टी के पद अभी भी खाली हैं। यूजीसी ने सभी राज्यों को फैकल्टी के खाली पद भरने के लिए पत्र लिखा है। यूजीसी के अध्यक्ष ने आईएएनएस को बताया कि इस संबंध में सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, शिक्षा सचिवों और राज्यपालों के सचिवों को पत्र लिखा गया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य उच्च शिक्षा परिषदों को भी पत्र भेजा गया है।

 

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में संकाय सदस्यों की उपलब्धता में कोई भी कमी शिक्षण-अधिगम पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसलिए, रिक्त संकाय पदों को उचित योग्य और सक्षम उम्मीदवारों से समय पर भरना आवश्यक है, और जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/gaganmittal/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471