रायगढ़। प्रदेश के बड़े राजनैतिक घटनाक्रम के तहत टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद निजी चैनल की बहस में भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी शामिल हुए। इस बहस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी भी शामिल हुए। निजी चैनल के द्वारा दोनो राजनैतिक दलों के नेताओं को पूछा गया कि इस ताजपोशी के बड़ा जय-वीरू की जोड़ी फिर से चुनावी मैदान मे आ गई या विरोध की वजह से सिंहदेव को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली।
इस नए घटनाक्रम का कांग्रेस को लाभ मिलेगा या नहीं? साथ ही नई ताजपोशी को भाजपा कांग्रेस का असंतोष बनाकर किस तरह हवा देने मे सफल होगी। कांग्रेस भूपेश पर भरोसे के दावे का क्या हुआ। ‘कका-बाबा” का एका प्रदेश की राजनीति में तुरुप का ईक्का बनेगा या नहीं?
टीवी एंकर ने ओपी चौधरी से पूछा कांग्रेस का दावा है कि जो उप मुख्यमंत्री बने हैं वो खुश, जिसने बनाया है वो खुश, जिसके साथ बना है वो खुश है, लेकिन भाजपा के पेट मे क्यों दर्द हो रहा है? ओपी चौधरी ने कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी के सम्मान की बात कहते हुए कटाक्ष किया कि पार्टी की मजबूरी की वजह से तिवारी को यह बोलना पड़ा।
उप मुख्यमंत्री बनाया जाना कांग्रेस की अंदरूनी मामला है। लेकिन कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए भूपेश है तो भरोसा है का नारा बनाया था, वह आज झूठा साबित हुआ। साढ़े चार साल बीतने के बाद आगामी चुनाव के लिए सौ दिन शेष हैं। पौने पांच साल तक भूपेश है तो भरोसा है का नारा रहा लेकिन विधान सभा चुनाव के सौ दिन पहले अचानक भूपेश के ऊपर भरोसा क्यों डोल गया ? इस नए प्रयोग पर आश्चर्य जताया।
प्रदेश मे ई डी लगातार कार्यवाही कर रही है, इस कार्यवाही में शराब घोटाला कोयला घोटाला उजागर हो चुका। इसके अलावा यूरिया, रेत, भर्ती, ट्रांसफर पोस्टिंग सीमेंट सहित सभी क्षेत्रों में सक्रिय माफिया की वजह से भूपेश बघेल सरकार का चेहरा दागदार हो चुका है। इसलिए कांग्रेस नए विकल्पों कर विचार कर रही है। भाजपा के विरोध के आमने कांग्रेस ने हार मानते हुए हथियार डाल दिए।
शैलजा जी ने आगामी मुख्यमंत्री के सवाल पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने की बात कही। प्रभारी के बयान से स्पष्ट है कि भूपेश से इनका भरोसा गायब हो चुका है। राजेन्द्र तिवारी ने उप मुख्यमंत्री की ताजपोशी को आलाकमान का फैसला बताया, जबकि कैबिनेट को ही डिप्टी सीएम का निर्णय अधिकार होता है।
राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर आलाकमान के आदेश पालन किया गया। आलाकमान संस्कृति के लोग संविधान को नीचा दिखाते हैं। भूपेश बघेल वैसे छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान का दवा करते हैं, लेकिन आलाकमान के चरणों मे सारा स्वाभिमान रख देते हैं।
भाजपा से मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल पर ओपी ने कहा भाजपा कलेक्टिव लीडरशिप के आधार पर इसका निर्णय करती है।चुनाव के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है। कांग्रेस के लोग पौने 5 साल तक भूपेश पर भरोसे का दावा करते रहे, आज उन्हें अपने मुख्यमंत्री का पता नहीं। सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने से हो रहे घमासान पर ओपी में कहा छग गठन के पश्चात जोगी सरकार के दौरान सिंहदेव को अपमानित किया गया।
चुनाव के पहले ही उन्हें राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष का पद दिया गया था। चुनाव के बाद सरगुजा की 8 मे से 7 सीट कांग्रेस से हार गई । इस बार भी चुनाव की 3 महीना शेष है और उन्हें यह पद देकर लॉलीपॉप पकड़ाया गया है।
टीएस सिंहदेव को बधाई देकर ओपी ने कटाक्ष करते हुए कहा बेरोजगारी भत्ते के लिए तमाम तरह के अवरोध लगाने के बाद भी टीएस सिंहदेव ने इस पद के रूप में बेरोजगारी भत्ता हासिल कर लिया। कांग्रेस के मौजूद अन्य पावर सेक्टर ताम्रध्वज साहू, चरणदास का क्या होगा, इसका परिणाम आना बाकी है।
कांग्रेस की राजनीति को सत्ता की लड़ाई बताते हुए कहा भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव को दायित्व पर बधाई दी है। इससे साफ तौर पर साबित होता है कि सारे पावर उनके पास रहेंगे।
जय और वीरू साथ रहते हुए चुनाव लड़ने से बीजेपी की परेशानी बढ़ने के सवाल पर कहा भारतीय जनता पार्टी का निश्चित रूप से जनादेश पिछले चुनाव में नहीं मिला था। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2003 में 2008 में 2013 में 2018 में चार चुनाव हुए चार में से 3 बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जनता जनार्दन ने चुना। जबकि कांग्रेस की सरकार कहीं भी रिपीट नहीं करती, यह मुख्यमंत्री न स्वीकार की है।
Add Comment