बोस्टन/नई दिल्ली। टाइटैनिक का मलबा देखने पनडुब्बी में सवार 5 अरबपतियों की मौत हो गई है। तलाशी अभियान के दौरान टाइटैनिक जहाज के पास लापता पनडुब्बी का मलबा मिला। यूएस कोस्ट गार्ड ने यह जानकारी दी है।
यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन माउगर ने बताया कि टाइटन सबमर्सिबल की खोज के दौरान लगाए गए यंत्रों में धमाकों की आवाज नहीं सुनाई दी, जिससे माना जाता है कि पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है। चार दिन पहले उत्तरी अटलांटिक में छोटे पर्यटक जहाज के लापता होने के बाद से जारी खोज और बचाव अभियान को इस घोषणा के साथ समाप्त कर दिया गया है।
रियर एडमिरल जॉन माउगर ने कहा कि विश्लेषण से पता चला है कि टाइटैनिक के Bow से 1,600 फीट (500 मीटर) दूर समुद्र तल पर पाया गया मलबा, सबमरीन के दबाव कक्ष के विस्फोट के अनुरूप था। माउगर ने कहा कि संयुक्त राज्य तटरक्षक बल और संपूर्ण एकीकृत कमान की ओर से मैं परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
तटरक्षक बल ने गुरुवार को पहले घोषणा की थी कि एक पानी के नीचे के रोबोट ने खोज क्षेत्र में “मलबा क्षेत्र” की खोज की है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें बाद में पता चला कि टुकड़ों में सबमरीन का पिछला हिस्सा (पूंछ) और उसके दबाव पतवार के सामने और पीछे के सिरे शामिल थे।
माउगर ने कहा कि तटरक्षक बल निश्चित नहीं हो सका है कि जहाज कब और क्यों फटा। उन्होंने यह बताने से भी इनकार कर दिया है कि क्या लोगों के अवशेष निकाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समुद्र तल पर अविश्वसनीय रूप से अक्षम्य वातावरण है। माउगर ने कहा कि कर्मियों और जहाजों को घटनास्थल से हटाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी, लेकिन मानव रहित रोबोट अभी समुद्र तल पर अभियान जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम जितनी संभव हो उतनी जानकारी एकत्र करेंगे।
अमेरिकी सेना ने मूल रूप से रविवार को लापता होने के तुरंत बाद पानी के नीचे ध्वनि निगरानी उपकरणों (underwater sound monitoring devices) पर पनडुब्बी के संभावित विस्फोट का पता लगाया था।
नौसेना के एक अनाम वरिष्ठ अधिकारी ने जर्नल को बताया कि अमेरिकी नौसेना ने ध्वनिक डेटा का विश्लेषण (analysis of acoustic data) किया और संचार खो जाने पर जहां टाइटन सबमर्सिबल काम कर रहा था, उसके सामान्य आसपास के क्षेत्र में एक (implosion or explosion) विस्फोट या विस्फोट के अनुरूप एक विसंगति का पता चला।
टाइटन नाम की छोटी पनडुब्बी रविवार को टाइटैनिक से नीचे उतरते ही गायब हो गई, जो समुद्र की सतह से दो मील (लगभग चार किलोमीटर) से अधिक नीचे और न्यूफाउंडलैंड, कनाडा के तट से 400 मील दूर है।
जहाज पर ब्रिटिश खोजकर्ता हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पनडुब्बी विशेषज्ञ पॉल-हेनरी नार्जियोलेट, पाकिस्तानी-ब्रिटिश टाइकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान, और उप संचालक ओशनगेट एक्सपीडिशन के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे। ओशनगेट ने कहा कि इस दुखद समय में उसकी संवेदनाएं सभी मृतकों के परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं। एक बयान में कहा गया कि ये लोग सच्चे खोजकर्ता थे, जिनमें साहस की एक विशिष्ट भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए जुनून था।
दरअसल अमेरिकी नौसेना ने रविवार को एक तेज धमाके की आवाज सुनी थी, उसी दिन टाइटन समर्सिबल लापता हुई थी। अब कई दिन का सर्च अभियान चलाने के बाद भी जब पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल पाया तो अब सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया गया है। अब बताया जा रहा है कि विनाशकारी अंतःस्फोट में पनडुब्बी तबाह हो गई है।
बता दें कि विस्फोट का उल्टा अंतःस्फोट होता है। विस्फोट में कोई भी चीज अंदर से बाहर की तरफ फटती है, वहीं अंतःस्फोट में बाहर से अंदर की तरफ दबाव के चलते धमाका होता है। समुद्र के अंदर फोरेंसिक जांच के विशेषज्ञ टॉम मैडॉक्स ने सीएनएन के साथ बातचीत में बताया कि पनडुब्बी में किसी ढांचागत खामी की वजह से, पनडुब्बी उस पर पड़ने वाले बहुत ज्यादा दबाव को झेल नहीं सकी और धमाके में बिखर गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र की गहराई में पानी का किसी भी चीज पर दबाव बहुत ज्यादा होता है। यह चार-पांच हजार पाउंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है, जो धरती के मुकाबले 350 गुना ज्यादा होता है। ऐसे में पनडुब्बी में कोई छोटी सी खामी भी भारी पड़ सकती है। पनडुब्बी में छोटा सा लीक भी अंतःस्फोट (Implosion) का कारण बन सकता है। गौरतलब है कि यह विस्फोट मिली सेकेंड के भी एक अंश में होता है यानी की पलक झपकने से भी कम समय में पनडुब्बी में जबरदस्त विस्फोट हो गया होगा और यात्रियों को सोचने-समझने का भी समय नहीं मिला होगा।
विस्फोट की तीव्रता को देखते हुए माना जा रहा है कि पांचों यात्रियों के शव नहीं मिल पाएंगे। बता दें कि टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक महासागर में करीब 13 हजार फीट की गहराई में मौजूद है। इतनी गहराई में पानी का किसी भी वस्तु पर दबाव करीब 5600 पाउंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है। पनडुब्बी में किस जगह विस्फोट हुआ होगा, ये अभी पता नहीं चल सका है। यूएस कोस्ट गार्ड ने गुरुवार को कहा कि वह आगे भी सर्च अभियान जारी रखेंगे लेकिन मलबा मिलने की भी संभावना कम ही है। पूरा हादसा कैसे हुआ, इसकी टाइमलाइम का पता लगाने में समय लग सकता है।
बता दें कि समर्सिबल हादसे में मारे गए पांच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांस के एक्सप्लोरर पॉल हेनरी और पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश शामिल थे।
ओसियनगेट एक्सपेडिशंस (OceanGate Expeditions) ने सबमर्सिबल पर एक सीट के लिए $250,000 का शुल्क लिया था। हार्डिंग एक अरबपति और उत्सुक खोजकर्ता थे, जिनके नाम तीन गिनीज रिकॉर्ड थे, जबकि दाऊद परिवार पाकिस्तान के सबसे अमीर परिवारों में से एक था। साइट पर बार-बार गोता लगाने के कारण नार्जियोलेट को “मिस्टर टाइटैनिक” उपनाम दिया गया था। ब्रिटिश और पाकिस्तानी सरकारों ने सभी मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
इन लोगों ने कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से 16 जून को अपने सफर की शुरुआत की थी। ये सभी लोग एक जहाज से पहले अटलांटिक महासागर में उस जगह पहुंचे, जहां टाइटैनिक जहाज का मलबा मौजूद है। इसके बाद 18 जून को ये सभी यात्री समर्सिबल से पानी के अंदर उतरे। सुबह 9 बजे ये लोग समुद्र की गहराई में उतरे और सुबह करीब 11.47 बजे ही पनडुब्बी का संपर्क टूट गया। पांचों यात्रियों को शाम 6.10 बजे सतह पर वापस लौटना था। जिसके बाद शाम 6.35 बजे बचाव कार्य शुरू किया गया। पनडुब्बी में 96 घंटे की ही ऑक्सीजन थी। गुरुवार को अथॉरिटीज ने सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया और पनडुब्बी में अंतःस्फोट होने का खुलासा किया।
क्या थी टाइटन पनडुब्बी और इसकी खासियतें
टाइटन एक रिसर्च और सर्वे के काम में इस्तेमाल होने वाली पनडुब्बी थी, जिसमें चालक समेत पांच लोगों के बैठने की क्षमता थी। इसके अलावा लोगों को समुद्र की गहराई तक पर्यटन कराने के लिए भी पनडुब्बी का इस्तेमाल किया जाता था। टाइटैनियम और कार्बन फाइबर की बनी इस पनडुब्बी का ढांचा 22 फीट लंबा था और इसका वजन करीब 10,432 किलो था। यह पनडुब्बी 4000 मीटर की गहराई तक जाने में सक्षम थी। इस पनडुब्बी का प्रबंधन करने वाली कंपनी ओशनगेट का कहना है कि इस पनडुब्बी का व्यूपोर्ट इतनी गहराई तक जाने वाली पनडुब्बियों में सबसे बड़ा था।
इस पनडुब्बी में चार इलेक्ट्रिक थर्स्टर्स लगे थे, जो पनडुब्बी को दिशा और 3 नॉट की गति से चलने में मदद करते थे। पनडुब्बी का प्रेशर वेसल भी कार्बन फाइबर और टाइटैनियम का बना था, जिसमें 96 घंटे की ऑक्सीजन भरी होती थी। इस पनडुब्बी में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का कम्युनिकेशन सिस्टम लगा हुआ था। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पनडुब्बी का कम्युनिकेशन किन कारणों से टूटा। पनडुब्बी के हादसे की अन्य वजह इसमें पावर फेलियर या सब-कम्युनिकेशन सिस्टम की दिक्कत हो सकती है।
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