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पहले रेप पीड़िता को धमकाकर बनवाया शपथ पत्र, बात नहीं बनी तो पुलिस से मिलकर मां पर किया केस…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दुष्कर्म पीड़िता की मां पर काउंटर केस दर्ज करने के मामले में एक नया मामला सामने आया है।

आरोपी युवक के जेल जाने के बाद से ही रिश्तेदारों ने पीड़िता और उसकी मां पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था।

इसी दौरान उन्होंने पीड़िता से शपथपत्र भी ले लिया। साथ ही नगर पालिका के पार्षदों से भी उसका चरित्र प्रमाणपत्र बनवा लिया गया। ताकि, आरोपी युवक को जमानत मिल सके।

इसमें कामयाबी नहीं मिली, तब पुलिस के साथ मिलकर काउंटर केस दर्ज कराकर पीड़िता की मां विधवा महिला को जेल भेज दिया गया। यही वजह है कि मामले की अब न्यायिक जांच की मांग उठने लगी है। पूरा मामला रतनपुर थाना क्षेत्र का है।

दुष्कर्म पीड़िता की मां पर काउंटर केस दर्ज कर उसे जेल भेजने की आग सुलगती जा रही है। रविवार को सामाजिक संगठनों के साथ विश्व हिंदू परिषद और व्यापारियों ने रतनपुर बंद रखा।

इस दौरान रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। इस दौरान रतनपुर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया और जगह-जगह पुलिस अफसर व जवान तैनात रहे।

आरोपी आफताब मोहम्मद के जेल जाने के बाद उसके परिजनों ने समझौता करने के लिए युवती और उसकी मां पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्हें प्रलोभन भी देने का आरोप है।

बताया जा रहा है कि जब उन्होंने समझौता करने से इंकार कर दिया, तब युवती और उसकी मां को डराया-धमकाया गया। फिर युवती से शपथपत्र बनवा लिया गया।

मार्च 2023 में बने इस शपथ पत्र में युवती की ओर लिखा गया है कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है और वह अपने परिवार के दबाव में आकर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी।

इसमें यह भी लिखा हुआ है कि अगर आरोपी को जमानत मिलती है तो वह विरोध नहीं करेगी। यह भी कहा गया है कि आरोपी ने उसके साथ किसी तरह का शारीरिक संबंध स्थापित नहीं किया है।

लेकिन, इस शपथ पत्र के बाद भी आरोपी को जमानत नहीं मिलने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि शपथ पत्र का बाकायदा वीडियो बनाया गया है। इसमें पीड़िता किसी होटल में आरोपी के परिजनों के साथ बैठी नजर आ रही है।

इधर, युवती का कहना है कि उससे डरा धमकाकर शपथ पत्र दिलवाया गया था। वह इसके लिए राजी नहीं थी और उसमें लिखे सारे तथ्य गलत है।

केस दर्ज होने के बाद आरोपियों ने दबाव डालकर एक चिट्ठी भी लिखवाई है, जिसमें युवक और युवती का हस्ताक्षर है। इसमें युवती की ओर से लिखा गया है कि वह दुष्कर्म के आरोपी को अपना भाई मानती है।

युवक ने भी इस चिट्ठी में लिखा है कि वह उसे आज से अपनी बहन मानेगा और उसके साथ कभी अभद्र व्यवहार नहीं करेगा। यह चिट्ठी में भी युवती से दबाव डालकर हस्ताक्षर करवाया गया था।

बताया जा रहा है कि दुष्कर्म के आरोपी आफताब मोहम्मद को बचाने के लिए उसके चाचा और भाजपा नेता ने नगर पालिका के पार्षदों से एक पत्र बनवाया है, जिसमें 10 पार्षदों के हस्ताक्षर है।

इसमें सभी ने आरोपी को सज्जन और सीधा सादा बताया है। नगर पालिका के पार्षदों ने इस तरह से उसका चरित्र प्रमाण पत्र दिया है। जबकि पुलिस ने ही दुष्कर्म पीड़िता को सड़क से उठाकर लाया था।

पीड़िता की मां पर आरोपी पक्ष के 10 साल के बच्चे के साथ यौन शोषण का आरोप है। इस मामले में उसे जेल भी भेज दिया गया है। लेकिन, इस काउंटर केस की पुलिस ने हकीकत जानने की कोशिश नहीं की।

पुलिस का कहना है कि जुवेनाइल एक्ट के मुताबिक बच्चे के बयान के आधार पर केस दर्ज की गई, जिसमें स्पष्ट है कि पीड़ित बच्चे के बयान के आधार पर केस दर्ज करना है और गिरफ्तारी करनी है।

घटना की सच्चाई जानने पुलिस ने न तो सीसीटीवी फुटेज की जांच की और न ही आसपास के लोगों से पूछताछ की। यहां तक उस दुकान में नहीं गई, जहां से महिला को चॉकलेट खरीदने का दावा किया गया है।

सोमवार 22 मई को सर्व ब्राह्मण समाज इस माले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौपेंगे। ब्राह्मण समाज की ओर से डॉ प्रदीप शुक्ला ने कहा कि इसके लिए रविवार को बिलासपुर में समाज के लोगों की बैठक हुई है।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच के लिए जो टीम गठित की है वह पुलिस वालों को बचाने का प्रयास करेगी।

रतनपुर का अगर माहौल खराब हो रहा है तो इसका सारा श्रेय पुलिस को जाता है। इसे राजनैतिक या धार्मिक मुद्दा भी पुलिस ने ही बनाया है। सभी 12 बजे नेहरू चौक में एकत्रित होंगे।

इसके बाद रैली निकालकर कलेक्टर व आईजी को ज्ञापन देंगे। इसी तरह सोमवार 22 मई यानी आज रतनपुर में बजरंग दल, विहिप और हिंदूवादी संगठन के लोग बैठक कर रणनीति बनाएंगे।

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