छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत प्रदेश के सात नगरीय निकायों के लिए 31 मई तक लिगेसी वेस्ट निपटान यानी पुराने कचरों का प्रबंधन करना जरूरी कर दिया गया है। एनटीजी के आदेश के बाद राज्य शासन ने सभी निकायों को चिट्ठी भेजकर इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने 31 मार्च 2023 को नईदिल्ली में एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें राज्य के मुख्य सचिव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए थे। उक्त बैठक में कहा गया कि नगर निगम रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, धमतरी एवं जगदलपुर में पुराने कचरों का निपटान का काम केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के मुताबिक 31 मई तक पूरा करना है।
इसमें यह भी कहा गया था कि लिगेसी वेस्ट स्थल पर फायर ब्रिगेड, चारो ओर बाउंड्रीवाल, बायो-फेसिंग, वृक्षारोपण, बदबू राेकने की व्यवस्था, सौंदर्यीकरण कार्य तथा लीचेट उपचार सुविधा का काम किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही हर महीने काम की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी कार्यालय में भेजी जाएगी। इसी तरह लिगेसी वेस्ट निपटान के बाद अलग किए हुए मटेरियल, आरडीएफ(रिफ्यूज डिलॉइव फ्यूल) तथा स्थाई जैव मिट्टी का उपयोग किया जाए।
यह होगा लाभ
लिगेसी वेस्ट यानी पुराना कूड़ा पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होता है। इसमें कंक्रीट, पालीथिन, रबड़, कांच, मिट्टी आदि मिक्स होता है। लिगेसी वेस्ट प्लांट पुराने कूड़े से कंक्रीट, पालीथिन एवं मिट्टी को अलग करेगा। साथ ही इससे निकलने वाला आरडीएफ (जलने वाला कूड़ा ईंधन) सीमेंट फैक्ट्रियों को बेचा जा सकेगा। जिससे राजस्व प्राप्त होगा। इसके अलावा कूड़े का निस्तारण होने से बेकार पड़ी भूमि पर इस्तेमाल योग्य हो सकेगी।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में भी तेजी लाने के निर्देश
एनजीटी ने इस बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मुताबिक गीले एवं सूखे कचरे को अलग-अलग निपटान करने आैर बायो मेडिकल वेस्ट, हैजार्डियस तथा ई-वेस्ट को ठोस अपशिष्ट के साथ मिश्रित एवं उपचारित न किया जाए। साथ ही निकायों को जीवीपी यानी गारबेज वल्नरेबल प्वाइंट तथा सक्रिय डंपसाइट की पहचान उसका तत्काल निदान किया जाए। कम्पोस्ट शेड का नियमित रखरखाव किया जाए ताकि गीले आैर सूखे कचरे के प्रबंधन में परेशानी न हो।
जनसहयोग से पौधरोपण भी जरूरी
जिस जगह पर पुराने कचरों का मैनेजमेंट किया जाएगा वहां पर एक तिहाई हिस्से में हवा में प्रदूषण को कम करने तथा वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पौधारोपण करना भी जरूरी है। इसके लिए कैम्पा फंड का उपयोग किया जाए साथ ही शैक्षणिक संस्थानों, स्वयंसेवकों, वेलफेयर एसोसिएशन, कार्पोरेट तथा सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों को शामिल किया जाए। इसी तरह एक तिहाई हिस्से में अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा स्थापित किया जाए।
Add Comment