कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार अंतिम दौर में है. बीजेपी नेताओं ने सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत लगा दी है. खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कैंपेन की कमान संभाले हैं और करीब 50 से ज्यादा रोड शो और रैलियां कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. रविवार को शाह ने बेलगावी में रोड शो किया. यहां उन्होंने आजतक से खास बातचीत की है. शाह ने कांग्रेस के चुनावी वादे पर तंज कसा और बीजेपी की फिर से सरकार बनने का दावा किया है.
बता दें कि कर्नाटक में 40 साल से एक ट्रेंड रहा है. यहां किसी पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं हो पाई है. ऐसे में बीजेपी के सामने सरकार बनाने और मिथक तोड़ने की चुनौती है. हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने पुराने रिकॉर्ड को नए रिकॉर्ड से जोड़ा और कहा- बीजेपी का 9 साल का रिकॉर्ड देखें तो हम कई राज्यों में रिपीट हुए हैं. हाल ही में नॉर्थ ईस्ट में फिर से सरकार बनाई है. यूपी और उत्तराखंड में फिर से सरकार बनी है. बंगाल में 18 लोकसभा और 77 विधानसभा सीटें जीते.
‘कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है’
कर्नाटक में दिल्ली के दिग्गज नेताओं के प्रचार अभियान पर शाह ने कहा कि हमारा पूरा जीवन बीजेपी के लिए है. यहां चार साल में बीजेपी सरकार ने शानदार काम किया है. बीएस येदुयुरप्पा और बसवराज बोम्मई ने डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ नीचे तक पहुंचाया है. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा- कांग्रेस अभी भी तुष्टीकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही है. जनता इससे बहुत परेशान है.
‘मुस्लिम आरक्षण हटाकर सामाजिक न्याय किया’
हिंदुत्व के पिच पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा- मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण गैरसंवैधानिक था. संविधान की कोई भी धारा आरक्षण को धर्म के आधार पर देने की अनुमति नहीं देती है. जो 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, वो किसी का अधिकार छीनकर दिया गया था. हमने वो आरक्षण हटाकर सामाजिक न्याय को बराबर किया है और तुष्टीकरण की राजनीति की धज्जियां उड़ाने का काम किया है. इसलिए हम यहां ये बता रहे हैं कि कांग्रेस किस तरह तुष्टिकरण की राजनीति करती है.
तुष्टीकरण की राजनीति 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण हटाना नहीं है, बल्कि 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण देना है. क्योंकि संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है. क्या आरक्षण हटाना हिंदू वोट को साधने का प्रयास है? इस पर शाह ने कहा- बिल्कुल नहीं. 4 प्रतिशत आरक्षण देना मुस्लिम वोट साधने के लिए था, जिसे हमने विफल किया है.
‘UCC एक सामाजिक सुधार का मसला’
क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड भी हिंदुत्व का एक पिच है? शाह ने कहा- तो क्या जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजा जी भी हिंदुत्व के पुरोधा थे? UCC संविधान के गाइडिंग प्रिंसिपल में रखा गया है और संविधान सभा ने रखा. तब बीजेपी का जन्म भी नहीं हुआ था. कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू की बात नहीं और हम उनकी बात मान रहे हैं. UCC को पूरे देश में एकसाथ ना लाकर, राज्यों में अलग-अलग लाए जाने के सवाल पर कहा- ये रणनीति नहीं है. ये महत्वपूर्ण और बड़ा सामाजिक सुधार है. इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए. पहले कुछ राज्यों में होगा, उस पर बहस छिड़ेगी. उसके बाद अदालत की कसौटी पर खरा उतरना पड़ेगा. जब पूरे देश में व्यापक चर्चा हो जाएगी तब राष्ट्रीय स्तर पर सोचेंगे.
‘बजरंग दल पर कांग्रेस को उल्टा पड़ गया दांव’
बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़कर कांग्रेस को घेरे जाने पर शाह ने कहा- ये जनता से पूछना चाहिए. हमने तो बजरंग दल पर बैन लगाने का फैसला नहीं किया. ये कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का एक प्रकार है. अब उल्टा पड़ा तो हम पर आरोप लगा रहे हैं. अगर वो नहीं करते तो कुछ नहीं होता.
Add Comment