International Labour Day 1st May 2023: आज 1 मई को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाती है. बीते 132 साल से ये दिन श्रमिकों के लिए मनाया जाता है. यह हमारी और आपकी जिंदगी में सीधा असर डालता है. पता है कैसे? आज भी अगर आपके दफ्तरों में आपके काम के घंटे तय हैं तो इसके पीछे भी मजदूर आंदोलन ही जिम्मेदार हैं. इतिहास गवाह है कि आज ही के दिन दुनिया भर के मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था. जिसके पीछे की कहानी यहां जानें-
दरअसल, साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया. जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल की. इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए.
इस हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया. इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई. इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई. काम की अवधि और दिनों के अलावा मजदूर आंदोलनों में पारिश्रमिक को लेकर भी कई बार सवाल खड़े किए जा चुके हैं. इन आंदोलनों की बदौलत ही देश के राज्यों में न्यूनतम मजदूरी तय है. लेकिन आज भी मजदूर संगठन ये सवाल खड़ा करते हैं कि बड़ी- बड़ी औद्योगिक इकाईयों, प्राइवेट संस्थानों आदि में काम करने वाले मजदूरों को महंगाई के अनुसार पारिश्रमिक नहीं मिलता है.
भारत में ऐसे हुई शुरुआत
भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी. उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता था. भारत समेत लगभग 80 मुल्कों में यह दिवस पहली मई को मनाया जाता है. इस दिन देश के अस्सी देशों में छुट्टी रहती है. यूरोप में यह दिन ऐतिहासिक रूप से ग्रामीण पगन त्योहारों से जुड़ा है.
सात मजदूरों की गई थी जान, जानें- आंदोलन के बारे में
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 से हुई. इस दिवस को मनाने के पीछे की वजह मजदूर यूनियनों की हड़ताल है. ये मजदूर आठ घंटे से ज्यादा काम ना कराने के लिए हड़ताल कर रहे थे. कहा जाता है कि इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेय मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ. जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई.
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