नई दिल्ली। बीजेपी 14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर ग्राम स्वराज अभियान शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम 20 मई तक चलेगा और इसमें उन इलाकों पर खास ध्यान दिया जाएगा, जहां दलितों की आबादी 80 फीसदी से ज्यादा है। दरअसल एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश भर में हुए दलितों के बंद के दौरान भड़की हिंसा ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में पीएम मोदी चाहते हैं कि पूरी पार्टी और सरकार जोर-शोर से अपनी पार्टी की अंत्योदय थीम यानि कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति को आगे बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में लग जाए। यही वजह रही कि संसद सत्र समाप्त होते ही सबके लिए काम तय कर दिए गए हैं। तय यह हुआ है कि 80 फीसदी से ज्यादा दलित आबादी वाले इलाकों में सरकार और पार्टी के तमाम लोग जाएंगे।
इनकी जिम्मेदारी यह देखना होगा कि मोदी सरकार की योजनाओं का दलितों तक कितना लाभ पहुंचा है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में सभी मंत्रियों और सांसदों को ये सुनिश्चित करना होगा कि वहां केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से हो। पीएम मोदी ने तय किया है कि उनकी सरकार की तरफ से शुरू की गई 6 योजनाओं को इन दलित इलाकों में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। यहां सरकार का जोर उज्ज्वला योजना, उजाला कार्यक्रम, मिशन इंद्रधनुष के अलावा हर घर बिजली पहुंचाने से जुड़ी सौभाग्य योजना, जन धन योजना और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ दलितों तक पहुंचाने पर है। मोदी कैबिनेट की पिछली बैठक में इन तमाम योजनाओं को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया गया था और उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते पूरी मंत्री परिषद की बैठक होगी, जिसमें मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों के सामने इसका प्रेजेंटेशन किया जाएगा।
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