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43 हजार स्कूल सफाईकर्मी इस्तीफा देने की तैयारी में… कर्मचारी संघ ने कहा-सरकार ने वादा पूरा नहीं किया… इन्हें 2400 मानदेय, बेरोजगारों को घर बैठे 2500…

प्रदेश के गांव-शहर के सरकारी स्कूलों में सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों ने काम छोड़ने का मन बना लिया है। इन्हें पूरे महीने सफाई करने के एवज में 2400 रुपए मानदेय दिया जाता है। जबकि प्रदेश में घर बैठे बेरोजगारों को हर महीने 2500 रुपए भत्ता दिया जा रहा है।

साल 2018 से ये सफाई कर्मचारी अपना मानदेय बढ़ाकर कलेक्टर दर पर करने की मांग कर रहे हैं। मगर अब तक इनकी मांग अधूरी ही है। इनके लिए बेरोजगारों को इनसे अधिक भत्ता दिए जाने की योजना जले पर नमक से कम नहीं है। अब ये सफाई कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं।

स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा के मुताबिक आज वह बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। जिसमें मंत्रालय के घेराव की रणनीति बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 12 वर्षों से 43,301 स्कूल सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं । काम के एवज में 2000 से 2400 मानदेय प्रतिमाह भुगतान किया जाता है.

स्कूल सफाई कर्मचारी संघ शुरू से कलेक्टर दर पर मानदेय और नियमितिकरण करने की मांग कर रहा था। साल 2018 में यही वादा कांग्रेस पार्टी ने हमारे साथ किया। आज कांग्रेस की सरकार को साढ़े 4 साल बीतने के बाद भी मांगे पूरी नहीं हो पाई है।

बच्चों से करवाई जा रही सफाई
कोरबा और कांकेर जिले में स्कूल सफाई कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। दोनों जिलों से आए दिन स्कूल की सफाई करते हुए फोटो वीडियो सामने आ रहे हैं। पढ़ने के लिए स्कूल आने वाले बच्चों से मजदूर की तरह स्कूल में सफाई का काम कराया जाता है। और स्कूल के मैनेजमेंट से जुड़े दूसरे कर्मचारी ऐसी तस्वीरों को वायरल कर रहे हैं।

सचिव ने दिया था भरोसा
कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 21 मार्च को रैली निकालकर विधानसभा घेराव किया था। इसके बाद स्कूल शिक्षा सचिव भारती दासन के द्वारा 1 से 7 अप्रैल के बीच कर्मचारियों के साथ एक बैठक करने की बात कही गई थी। मगर ये बैठक नहीं हुई। दूसरी तरफ पुलिस ने 19 प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज किया है।

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