रायपुर। Chhattisgarh Weather News: मौसम की मार से किसान बेहाल है। लगातार हवा-तूफान, बारिश और ओले ने फल-सब्जियों की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश में लाखों रुपये के आम जमीन पर आ गिरे हैं। बाजार में आने को तैयार आम समय से पहले ही टूटकर गिर गए।
उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सब्जियों और फलों की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा, अंबिकापपर, कर्वधा, धमतरी, जगदलपुर, बस्तर आदि जिलों में फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। विभाग ने राज्य सरकार को 663 हेक्टेयर में फसलों के प्रभावित होने की जानकारी दी है।
1613 एकड़ में फसलें चौपट हो गई है। यह रिपोर्ट 20 मार्च तक की स्थिति में हैं, जबकि ज्यादा बारिश 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच हुई है। ऐसे में प्रभावित फसलों का आंकड़ा 1500 हेक्टेयर से अधिक होने की संभावना है। उद्यानिकी विभाग ने राज्यभर से पुन: आंकड़े मंगाए हैं, जिसमें बाद 20 मार्च के बाद प्रभावित फसलों की जानकारी जुटाई जा रही है।
चार महीने में 50 हजार टन का बाजार
थोक फल व्यापारियों के मुताबिक अप्रैल से जुलाई महीने तक प्रदेशभर में आम का व्यवसाय 50 हजार टन से अधिक है। यह लगातार बढ़ते जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आम की अच्छी फसल है, लेकिन ज्यादातर आवक आंध्रप्रदेश से हैं। अब ओडिशा से भी आम आने को तैयार है। मौसम में बदलाव का असर अन्य प्रदेशों में भी देखने को मिल रहा है।
यहां भी अब मशहूर वैरायटी, लेकिन भारी नुकसान
छत्तीसगढ़ में लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी व मल्लिका आम की खेती लगातार बढ़ रही है। तीन-चार वर्ष पहले की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेश में आम की पूर्ति के लिए आंध्रप्रदेश पर भी निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन स्थानीय बाजारों में जिलों से भी आवक शुरू हो गई है, लेकिन मौसम की मार ने एक बार फिर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। पिछले वर्ष 450 टन से अधिक उत्पादन हुआ था।
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