बीते दो दिन से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर एक्स्ट्रा चार्ज कटने की खबर सुर्खियों में है. इस एक्स्ट्रा चार्ज को प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI Charge कहा जा रहा है, जो दो हजार से ज्यादा के मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर 1.1 फीसदी की दर से लगेगा. इसे लेकर सबसे ज्यादा असमंजस ये रहा कि क्या आम यूजर्स इसे भरेगा? इस पर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए तस्वीर साफ की. आइए सवाल और जवाब के जरिए समझते हैं इस PPI चार्ज का पूरा माजरा…
यूपीआई में 1 अप्रैल से क्या बदलाव होगा?
NPCI ने सर्कुलर में कहा है कि 1 अप्रैल 2023 से UPI के जरिए किए जाने वाले मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर PPI फीस लागू करने की सिफारिश की गई है. इसके तहत 2000 रुपये से ज्यादा के मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर पीपीआई चार्ज वसूला जाएगा.
क्या ये PPI चार्ज आम ग्राहक को भरना होगा?
नहीं, एनपीसीआई के मुताबिक, हाल ही में PPI वॉलेट को इंटरऑपरेबल UPI इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी गई है. इससे आम ग्राहक पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, बल्कि ये मर्चेंट और बैंक के बीच का मामला है. यानी ये मर्चेंट से वसूला जाएगा.
PPI आखिर है क्या?
पीपीआई (PPI) एक तरह का डिजिटल वॉलेट ही है, जो यूजर को अपने पैसे स्टोर करने की सुविधा देता है. पेटीएम और फोन पे जैसी कंपनियां पीपीआई का ऑप्शन मुहैया कराती हैं.
PPI चार्ज या इंटरचेंज चार्ज कितना लगेगा?
PPI चार्ज या इंटरचेंज चार्ज दरअसल, पेमेंट सर्विस मुहैया कराने वाली कंपिनयों द्वारा वॉलेट जारीकर्ताओं जैसे कि बैंकों को दिया जाने वाला शुल्क है. इसे लेन-देन स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है. मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर इसे 1.1% की दर से लागू करने का प्रस्ताव है.
क्या बैंक अकाउंट से पैसे भेजने चार्ज लगेगा?
NPCI साफ कर दिया है कि अकाउंट-टू अकाउंट मनी ट्रांसफर करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा, यानी आप जितना चाहें पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. इंटरचेंज चार्ज वॉलेट से अकाउंट में पैसे भेजने पर काटा जाएगा. जो मर्चेंट की रकम से कटेगा.
क्या UPI पेमेंट महंगा हो जाएगा?
एनपीसीआई की ओर से जारी किए गए सर्कुलर को देखें तो ये चार्ज मर्चेंट UPI ट्रांजैक्शन पर लागू होने वाला है. यानी ये बैंक और प्रीपेड वॉलेट के बीच होने वाले पीयर टू पीयर (P2P) और पीयर टू मर्चेंट (P2M) के ट्रांजैक्शन पर लागू नहीं होगा. यानी ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आप पहले की तरह ही फ्री यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं.
किसी दुकान से 2000 रुपये का सामान खरीदने पर शुल्क लगेगा?
नहीं, ये नियम 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर लागू होता है. यानी अगर आप दुकान पर 2001 या उससे अधिक का पेमेंट वहां लगे QR Code को स्कैन करते वॉलेट से यूपीआई करते हैं, तो पीपीआई चार्ज लागू होगा?
दुकान वाले से ये चार्ज कैसे वसूला जाएगा?
एनपीसीआई के मुताबिक, अगर ग्राहक दुकान वाले को बैंक अकाउंट के जरिए UPI पेमेंट करेंगे तो कोई चार्ज नहीं लगेगा. वहीं अगर आप किसी वॉलेट में पैसे एड करने के बाद क्यूआर कोड स्कैन कर पैसे ट्रांसफर करेंगे, तो इंटरचेंज चार्ज कटेगा. लेकिन ग्राहक को कोई सरचार्ज नहीं देना होगा.
क्या ग्राहक फ्री में सभी वॉलेट ऑप्शंस यूज कर सकते हैं?
एनपीसीआई ने साफ कर दिया है यूपीआई के जरिए एक अकाउंट से अकाउंट में पेमेंट करने पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा. साथ ही ग्राहक के पास ये ऑप्शन होगा कि वे UPI आधारित ऐप पर बैंक अकाउंट, रूपे क्रेडिट कार्ड या प्रीपेड वॉलेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
मैं दुकानदार हूं, मुझे चार्ज कैसे देना होगा?
अगर ग्राहक आपको UPI बैंक अकाउंट के जरिए डायरेक्ट पैसे ट्रांसफर करता है, तो वो कितने भी पैसे भेज सकता है, उस पर कोई चार्ज अप्लाई नहीं होगा. वहीं अगर ग्राहक आपको वॉलेट के जरिए 2000 से ज्यादा का पेमेंट करेगा, तो QR Code से जुड़े जिस बैंक के अकाउंट में पैसे जाएंगे, उसमें 1.1% कट जाएंगे. ये इंटरचेंज फीस होगी.
क्या अकाउंट टू अकाउंट ट्रांसफर ग्राहक और मर्चेंट दोनों के लिए फ्री है?
हां, कस्टमर और मर्चेंट के लिए बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट में किया गया यूपीआई पेमेंट बिल्कुल फ्री होगा. इसपर कोई लिमिट तय नहीं की गई है. ये चार्ज तब लागू होगा, जब ग्राहक किसी वॉलेट में पैसे एड करके मर्चेंट के अकाउंट में 2000 रुपये से ज्यादा भेजेगा.
ग्राहक से इसका कोई लेना-देना है?
ग्राहक दुकानदार के स्कैन कोड के जरिए उसके जिस अकाउंट में यूपीआई से पैसे भेजेगा. तो मर्चेंट को पेमेंट की गई रकम में से इंटरचेंज चार्ज संबंधित बैंक द्वारा काट लिया जाएगा. साफ शब्दों में कहें तो ये पूरी तरह मर्चेंट और बैंक से जुड़ा मामला है.
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