मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के भगवानपुर में स्थित चांग देवी मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। इस मंदिर में दोनों ही धर्म के लोग एक साथ माथा टेकते हैं। मुस्लिम धर्मावलंबियों का भी मानना है कि माता चांग देवी हमारे इलाके की कुलदेवी है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन बुधवार को यहां माता शैलपुत्री रूप की पूजा-अर्चना की जा रही है।
भरतपुर ब्लॉक के भगवानपुर में चांग देवी माता का मंदिर अपनी धर्म निरपेक्षता की वजह से देशभर में प्रसिद्ध है। नवरात्र के 9 दिनों तक यहां दूरदराज से श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। खास बात ये है कि मंदिर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी आस्था रखते हैं। नवरात्रि में मुस्लिम भक्त भी माता की आराधना करते हैं। चांगदेवी मंदिर में बारहों महीने श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर यहां पहुंचते हैं और देवी प्रतिमा के पास मनोकामना ज्योत जलाते हैं। देवी मंदिर के पास ही जवारा कक्ष है, जहां पर जवारे बोए जाते हैं।
पूजा सामग्री भी बेचते हैं मुस्लिम धर्मावलंबी
नवरात्र में कलश स्थापना के बाद श्रद्धालु तेल और घी से मनोकामना ज्योत जलाते हैं। मंदिरों के बाहर पूजा सामग्री बेचने की दुकानें भी यहां नवरात्र के दिनों में लगती हैं। मुस्लिम भाई भी नवरात्र के दिनों में यहां पूजा सामग्री की दुकान लगाते हैं। मन्नत पूरी करने के लिए लोग यहां नारियल भी बांधते हैं।
मां चांग देवी मंदिर के बारे में जानें
भरतपुर ब्लॉक के जनकपुर से 8 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है। मां चांगदेवी धाम अविभाजित कोरिया जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। चांगभखार रियासत की कुलदेवी होने के कारण इस मंदिर का नाम चांग देवी मंदिर पड़ा।
यहां सिद्ध पीठ है, जहां शारदीय और चैत्र नवरात्र में अपार भीड़ के रूप में आकर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। यहां पर भक्त पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए नारियल बांधते और चढ़ाते हैं। भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर ज्योति कलश भी जलाते हैं।
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