रायपुर। उच्च पद पर नियुक्त शिक्षाकर्मियों की निम्न पद पर सर्विस पीरियड काउंट किये जाने पर सस्पेंस खड़ा हो गया है। ये प्रदेश के उन हजारों शिक्षाकर्मियों के सबसे बड़ा झटका है, जो उच्च पद पर काम कर रहे हैं और निम्न पद पर अपने सर्विस पीरियड को काउंट कर फिलहाल 8 साल के टाइम बांड प्रमोशन के हकदार हो गये थे। लेकिन समतुल्य वेतनमान का इंतजार कर रहे शिक्षाकर्मियों को राज्य सरकार ने बड़ा झटका देते हुए हाईकोर्ट से मिली राहत को डबल बेंच में चैलेंज कर दिया है। लिहाजा वो शिक्षाकर्मी जिन्हे दोनों पीरियड को जोड़कर 8 साल के बाद समतुल्य वेतनमान का लाभ मिलना था वो अब फैसले आने तक के लिए टल गया है। हालांकि इस अपील पर अभी तक हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
दरअसल 28 नवंबर 2017 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने एक रूल आर्डर किया था, जिसके निम्न पद पर काम करते हुए यानी वो शिक्षाकर्मी जिन्होंने वर्ग-3 से वर्ग दो में या वर्ग दो से वर्ग-एक में ज्वाइन किया था उनका निचले पद पर किये काम सर्विस पीरियड को काउंट करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था, भले ही उन्हें जिला पंचायत या जनपद पंचायत ने स्वीकृति दी हो या ना दी हो। ये आदेश उन हजारों शिक्षाकर्मियों के लिए किसी बड़े वरदान से कम नहीं था, क्योंकि पिछले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर शिक्षाकर्मियों ने वर्ग तीन से दो और वर्ग दो से वर्ग में ज्वाइनिंग की थी, कुछ जिलों में पंचायत व जनपद ने शिक्षाकर्मियों को परमिशन दी थी, कुछ जिलों में नहीं दी थी, लेकिन हाईकोर्ट के नवंबर में आये आदेश के बाद निचले पद में किये काम को सर्विस पीरियड में काउंट करने का आदेश जारी हो गया था, जिसके तहत कई शिक्षाकर्मियों को समतुल्य वेतनमान मिलना था, लेकिन अब वो नहीं मिल पायेगा। इस आदेश के आधार पर पूरे प्रदेश में शिक्षाकर्मियों ने हाईकोर्ट की रूलिंग के आधार पर प्रमोशन के लिए आवेदन शुरू कर दिया। जिलों में आये आवेदन के बाद कुछ जिलों ने पंचायत विभाग से मार्गदर्शन मांगा, जिसके बाद पंचायत विभाग ने जिलों को पत्र जारी करते हुए ये साफ किया है कि 28 नवंबर के सिंगल बेंच के आदेश को राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील किया है। जाहिर मामला डीबी बेंच में चले जाने के बाद उन हजारों शिक्षाकर्मियों का प्रमोशन अब फैसले आने तक के लिए रूक जायेगा।
यहाँ भी देखे – 11 फर्जी शिक्षाकर्मियों समेत चयन समिति के खिलाफ एफआईआर
Add Comment