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TMC नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका… ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज…

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रिजुरा को दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी और रिजुरा की उस याचिका को खारिज कर दी है जिसमें पश्चिम बंगाल कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी।

जस्टिस रजनीश भटनागर ने बनर्जी की पत्नी की याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उनके खिलाफ ईडी की ओर से दायर शिकायत और उसका संज्ञान लेने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में फिजिकल उपस्थिति के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ समन जारी करने को भी चुनौती दी गई थी।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 48 जांच एजेंसी को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के मामले में क्षेत्रीय रूप से प्रतिबंधित नहीं करती है।

कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी स्पष्ट रूप से अपने अधिकार क्षेत्र के प्रयोग के संदर्भ में पुलिस अधिकारियों पर लगाए गए क्षेत्रीय सीमाओं की ओर इशारा करता है और ऐसा अधिकार क्षेत्र उनके संबंधित स्थानीय क्षेत्रों (कुछ स्थितियों को छोडक़र) तक सीमित प्रतीत होता है जो उनके संबंधित पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आते हैं।

कोर्ट ने आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि विधायिका ने एक खास तरह के अपराध से निपटने के लिए एक अलग तंत्र बनाया है और सीआरपीसी में क्षेत्रीय सीमाओं से अवगत होने के बावजूद, विधायिका ने पीएमएलए में उन सीमाओं को शामिल नहीं करने का विकल्प चुना है। दरअसल, सीबीआई ने कुछ लोगों द्वारा पश्चिम बंगाल में किए गए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी के कथित अपराधों के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

इसके तहत ईडी ने नई दिल्ली स्थित हेड इन्वेस्टिगेटिव यूनिट में श्वष्टढ्ढक्र दर्ज किया था। जिसके बाद कोलकाता के रहने वाले दोनों लोगों को दिल्ली में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था।

जिसके बाद वो ईडी के समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट रुख किए थे और कहा था कि इसकी जांच केवल कोलकाता से संबंधित स्थानीय कार्यालय द्वारा किया जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि बनर्जी और उनकी पत्नी दोनों का नाम न तो सीबीआई की प्राथमिकी में है और न ही ईडी की शिकायत में।

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