महंगी गेहूं से आम आदमी को राहत, FCI के इस कदम से नीचे आईं कीमतें

गेहूं और इसके आटे की लगातार बढ़ती कीमत से पिछले कुछ दिनों में आम आदमी को राहत मिली है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) की तरफ से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करने से कीमत के नीचे आने में मदद मिलेगी. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि एफसीआई (FCI) द्वारा खुले बाजार में थोक उपभोक्ताओं को गेहूं की बिक्री करने से घरेलू बाजार में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमत पर लगाम लगाने में मदद मिल रही है. 50 लाख टन गेहूं में से एफसीआई (FCI) को 15 मार्च तक थोक उपयोगकर्ताओं को ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत कुल 45 लाख टन बेचने को कहा गया है.
घरेलू उपलब्धता में सुधार करना मकसद
उन्होंने बताया कि यह बिक्री साप्ताहिक ई-ऑक्शन के जरिये की जा रही है. चोपड़ा ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि बोली लगाने वालों ने काफी मात्रा में गेहूं पहले ही उठा लिया है. इससे कीमतें कम हो गई हैं. उन्होंने कहा कि ओएमएसएस (OMSS) के तहत गेहूं की बिक्री का मकसद घरेलू उपलब्धता में सुधार करना और कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगाना है. मोटे अनाज के बारे में सचिव ने कहा कि मोटे अनाज की खरीद और वितरण के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया है.
मोटा अनाज वितरित करने का आदेश
राज्यों को मोटे अनाज खरीदकर वितरित करने को कहा गया है. यदि मोटा अनाज बाकी है, तो राज्यों को उन्हें अन्य राज्यों में वितरित करने की अनुमति दी गई है. चोपड़ा ने कहा, ‘हमने कर्नाटक सरकार को केरल में अधिशेष मोटे अनाज वितरित करने की अनुमति दी है. हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हम बड़े पैमाने पर खरीद और वितरण करने में सक्षम होंगे.’ सम्मेलन में आंध्र प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल सहित 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों ने भाग लिया. इसमें राज्य के खाद्य सचिव भी मौजूद थे.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय खाद्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कीमतों को नियंत्रित करने और गरीबों को भोजन सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया. ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री, गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय करना, सार्वजनिक खाद्य कार्यक्रमों के लिए मोटे अनाज की खरीद और पोषण तत्वों से संवर्धित चावल कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर बैठक के दौरान चर्चा की गई.