क्या आपको पता है कि फरवरी महीने में आपने जिस गर्मी का सामना किया, वैसी आखिरी बार 1877 में महसूस की गई थी.
मौसम विभाग ने बताया है कि फरवरी महीने में देश का अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1877 के बाद सबसे ज्यादा है. जबकि, इस महीने सामान्य तापमान 27.80 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए था. यानी, फरवरी में सामान्य से 1.74 डिग्री सेल्सियस तापमान ज्यादा रहा.
इतना ही नहीं, मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि मार्च से मई के बीच देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा रह सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी 2022 में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 0.81 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था. इस महीने न्यूनतम तापमान 16.31 डिग्री सेल्सियस रहा. इस कारण 1901 के बाद ये पांचवा सबसे गर्म फरवरी रहा.
इससे पहले 2016 की फरवरी में अधिकतम तापमान 29.48 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.82 डिग्री सेल्सियस रहा था.
लगातार तप रहा है भारत?
जून 2020 में मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेस की क्लाइमेट चेंज पर एक रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 1986 से 2015 के बीच गर्म दिनों का तापमान 0.63 डिग्री सेल्सियस और सर्द रातों का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है.
इसमें ये भी अनुमान लगाया गया था कि अगर यही ट्रेंड बरकरार रहता है तो साल 2100 तक गर्म दिनों का तापमान 4.7 और सर्द रातों का तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.
इतना ही नहीं, साल 2100 तक गर्म दिनों की संख्या 55 फीसदी और गर्म रातों की 70 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है. साथ ही इस सदी के आखिर तक गर्मियों में हीटवेव की संख्या भी तीन से चार गुना तक बढ़ने की आशंका है.
मौसम विभाग से मिली जानकारी बताती है कि भारत में कुछ सालों से औसत तापमान सामान्य से ज्यादा ही रह रहा है. 2022 में भारत का औसत तापमान सामान्य से 0.51 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था. लिहाजा, 1901 के बाद से 2022 पांचवां सबसे गर्म साल रहा. इससे पहले 2021 में तापमान 0.44 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा था.
मौसम विभाग के मुताबिक, 1901 से 2022 के बीच 121 सालों में पांच सबसे गर्म साल बीते 12 साल में रहे हैं. 2016 में तापमान सामान्य से 0.71 डिग्री, 2009 में 0.55 डिग्री, 2017 में 0.54 डिग्री, 2010 में 0.53 डिग्री और 2022 में 0.51 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा था.
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