
आगामी लोकसभा और नौ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आधी सीटों पर 50 साल कम उम्र वालों को मौका दे सकती है। इसको लेकर शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में वरिष्ठ नेताओं में चर्चा भी हुई। सूत्रों की मानें तो युवा-शिक्षा-रोजगार प्रस्ताव में इस बात को रखा भी गया है। रविवार को प्रस्ताव की चर्चा में यह प्रतिशत घट-बढ़ भी सकता है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो संगठन से लेकर चुनाव के टिकट में आधी सीटों पर युवा चेहरे नजर आएंगे।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले संगठनात्मक कसावट के लिए प्रदेश स्तर पर होने वाले बदलाव में भी इसे लागू किया जाएगा। बता दें कि उदयपुर संकल्प शिविर में भी यह बात उठाई गई थी कि संगठन में 50 साल से कम उम्र वालों को मौका दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सोशल जस्टिस के प्रस्ताव में संगठन के सोशल ऑडिट की बात भी रखी गई है। अगर यह प्रस्ताव भी पास होता है तो बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर संगठन का सोशल ऑडिट किया जाएगा।
सोशल ऑडिट के मायने : कांग्रेस में कई जातियों के लोगों को नेतृत्व का मौका नहीं मिल पाता है। इस संतुलन को बनाने के लिए ही सोशल ऑडिट की मांग की गई है। अगर ऐसा होता है तो बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर में सोशल ऑडिट किया जाएगा। जिस जाति के लोगों काे मौका नहीं मिल रहा है, उन्हें आगे लाया जाएगा। इसके अलावा देश में जितनी भी रिजर्व सीटें हैं वहां भी कांग्रेस नए लीडर खोजने का अभियान चलाएगी। इसके अलावा रिजर्व सीटों पर वोटर्स के नाम जानबूझकर काटे जाते हैं, उनके नाम दर्ज करवाने का अभियान चलाएगी।
युवाओं के हाथों में होगा नेतृत्व
राहुल गांधी युवाओं के हाथों में नेतृत्व देने की बात हमेशा से कहते आए हैं। कांग्रेस में बड़े बदलाव के कयास लगते रहे हैं। राज्य सभा सांसद इमरान प्रतागपढ़ी बताते हैं कि इसी को देखते हुए अधिवेशन में सबसे बड़े निर्णय के तौर पर 50 साल से कम उम्र के हाथों में आधी कमान देने की बात रखी जा सकती है। उदयपुर शिविर में यह रिजुएलेशन रखा भी गया था। जिसके पहले उदाहरण के तौर पर मुझे राज्य सभा की सीट दी गई। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश संगठन के बदलाव में भी युवाओं को मौका दिया जाएगा। बता दें कि अधिवेशन के बाद ही पीसीसी में बदलाव होने हैं।