छात्रवृत्ति नहीं मिली है।
हालांकि नियम यह है कि छात्रवृत्ति राशि छात्रों के बैंक खातों में जमा की जानी चाहिए, लेकिन संबंधित संस्थानों ने नियमों को दरकिनार किया और फिनो पेमेंट्स बैंक के एजेंटों से खाता किट सीधे अपने नियंत्रण में ले लिया। ईडी ने दावा किया कि कुछ मामलों में, संस्थान और उनके कर्मचारी अवैध रूप से फिनो बैंक एजेंटों को जारी किए गए आईडी और पासवर्ड प्राप्त करने और उनका उपयोग करने में कामयाब रहे और संस्थान के परिसर में बैंक द्वारा जारी किए गए माइक्रो-एटीएम को संचालित करने में भी कामयाब रहे।
इसमें कहा गया है, छात्रवृत्ति राशि संस्थानों द्वारा छात्रों के खातों से नकद में निकाली गई। एजेंसी ने छापेमारी के दौरान 36.51 लाख रुपये और 956 अमेरिकी डॉलर नकद के अलावा बड़ी संख्या में सिम कार्ड, स्टैंप और विभिन्न संस्थाओं की मुहरें जब्त कीं। इसने कहा कि संस्थान प्रथम दृष्टया विभिन्न दस्तावेजों की जालसाजी और उन्हें गढ़ने में शामिल थे। ईडी ने कहा, छात्रवृत्ति घोटाले में 75 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय शामिल होने की आशंका है।
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