अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुंबई में शेयरों में जारी गिरावट से मार्केट में हाहाकार मचा है तो देश की राजधानी दिल्ली में विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा काटा. विपक्ष की मांग है कि अडानी ग्रुप पर लग रहे आरोपों पर चर्चा होनी चाहिए. जांच के लिए JPC का गठन होना चाहिए. मतलब एक अमेरिकी रिपोर्ट से हिले अडानी साम्राज्य पर अब पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. बड़ा सवाल ये कि अडानी ग्रुप का आगे क्या होगा, आज पूरी दुनिया की नजरें अडानी ग्रुप पर हैं. चाहे निवेशक हो, चाहे लोन देने वाले बैंक हो या फिर आम लोग.
फिलहाल, सभी अडानी ग्रुप के वर्तमान को देखकर भविष्य पर मंडरा रहे खतरे का आकलन करने में जुटे हैं. वैसे अडानी ग्रुप पर मौजूदा संकट के पीछे है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, लेकिन अब तरह-तरह की बातें और अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं. मौजूदा क्राइसेस को लेकर दो तरह की थ्योरी पेश की जा रही है. पहली ये कि अडानी ग्रुप को टारगेट करने के लिए बड़ी साजिश के तहत सबकुछ हो रहा है, दूसरी थ्योरी ये है कि अडानी ग्रुप ने अपने साम्राज्य को लेकर जितना बताया उससे कहीं ज्यादा छिपा रखा है. अब अडानी ग्रुप पर आई रिपोर्ट का झगड़ा सेंसेक्स से देश की संसद तक पहुंच चुका है. आखिर पूरी कंट्रोवर्सी क्या है. आपको रिपोर्ट के जरिए समझाते हैं.
सबसे पहले आज संसद के अंदर का हाल आपको बताते हैं. कैसे विपक्ष ने अडानी ग्रुप पर अमेरिका रिपोर्ट को हथियार बनाकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. लोकसभा में अडानी-अडानी गूंजा, नतीजा संसद ठप हो गई.
बड़ी बात ये है कि अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने पहले ही गौतम अडानी को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान से 16वें पायदान पर धकेल दिया. आईएफओ के जरिए जुटाई गई रकम को भी अडानी ग्रुप ने वापस करने का फैसला किया है. अब अडानी ग्रुप को लेकर सभी के मन में दो सवाल हैं.
सवाल नंबर-1: हर दिन कमजोर हो रहे अडानी ग्रुप का आगे क्या होगा
सवाल नंबर-2: क्या अडानी ग्रुप अपनी ग्रोथ रेट पर वापस लौट पाएगा.
शून्य से शिखर तक गौतम अडानी की यात्रा हैरतअंगेज है तो अब अडानी ग्रुप के शिखर से नीचे लुढ़कने की यात्रा ने सबको चौंका दिया है. शेयर बाजार में अडानी गुप के शेयर हर दिन नीचे गिर रहे हैं. विदेश की नामी फाइनेंस एजेंसियां अडानी ग्रुप के बॉन्ड को लेकर वॉर्निंग जारी कर रही हैं. सवाल यही है कि क्या बाजार में मिल रहे झटके से गौतम अडानी अपनी कंपनी की गिरती साख बचा पाएंगे या फिर हर नया दिन एक नई चुनौती लेकर आएगा.
बीजेपी सरकार पर हमलावर है कांग्रेस
अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को करीब 8 लाख करोड़ का घाटा पहुंचा दिया. अडानी ग्रुप में निवेश करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. कांग्रेस का इल्जाम है कि गौतम अडानी ने देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट फ्रॉड किया है. सरल शब्दों में समझें तो कांग्रेस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को हथियार बनाकर अडानी और मोदी सरकार पर जबरदस्त वार किया है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीबीसी के कार्टून को शेयर करते हुए लिखा है कि जो 75 सालों में नहीं हुआ, मोदी सरकार ने वह कर दिखाया. जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी का वादा निभाने वाली LIC खुद असुरक्षित.
वैसे अडानी ग्रुप को लेकर कांग्रेस का बीजेपी सरकार पर हमला कोई नहीं बात नहीं है. राहुल गांधी लंबे अर्से से अडानी और अंबानी के बहाने मोदी सरकार को घेरते आए हैं. अब कांग्रेस के साथ-साथ विपक्ष के तमाम दल खुल्लम-खुल्ला गौतम अडानी का नाम लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं. शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी कहती हैं कि सब गोलमाल है.
एलआईसी की सफाई…
विपक्ष का आरोप है कि एलआईसी से लेकर एसबीआई तक आम लोगों की गाढ़ी कमाई मोदी सरकार ने लुटवा दी तो क्या जैसा विपक्ष आरोप लगा रहा है, हालात वैसे हैं, क्या ग्रामीण इलाकों में सरकारी बैंकों में कैश खत्म हो चुका है. इसमें कितनी राजनीति है और कितनी हकीकत आपको बताते हैं. सवाल है कि एलआईसी की बैलेंसशीट क्या कहती है- अडानी ग्रुप पर आई रिपोर्ट के बाद एलआईसी की तरफ से सफाई आई.
तारीख 31 दिसंबर 2022 के अनुसार इक्विटी और कर्ज के रूप में एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में कुल शेयर पूंजी 35917 करोड़ रुपए है. पिछले कुछ सालों में खरीदी गई इक्विटी का कुल क्रय मूल 30127 है. 27 जनवरी को बाजार बंद होने तक निवेश का बाजार मूल्य 56142 करोड़ रुपये था. एलआईसी की कुल संपत्ति 41.66 लाख करोड़ से ज्यादा है और अडानी ग्रुप में निवेश का एक प्रतिशत से कम है.
अडानी के पास कर्ज से ज्यादा संपत्ति है
अगर दूसरे बैंकों की निवेश रिपोर्ट देखें तो पीएनबी ने करीब 7 हजार करोड़ और SBI ने अडानी को करीब 21000 करोड़ का लोन दे रखा है. अडानी ग्रुप में निवेश और कर्ज को लेकर सामने आ रही रिपोर्ट यही बताती है कि निवेश को लेकर निवेशकों को खतरा तो है, लेकिन ऐसा भी नहीं कि पूरा पैसा डूब जाएगा. क्योंकि अडानी ग्रुप के ऊपर जितना कर्ज आज की तारीख में है, उससे कहीं ज्यादा संपत्ति अडानी ग्रुप के पास मौजूद है.
अब आपको बताते हैं कि कैसे 9 दिन में गौतम अडानी का साम्राज्य हिल गया है. 9 दिन में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स रह चुके गौतम अडानी टॉप 10 की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं. उनकी कंपनियों के शेयर जो कुछ अरसे पहले आसमान छू रहे थे, अब गिरते ही जा रहे हैं. जिस बिजनेसमैन का डंका देश-विदेश में बज रहा था, उसे बयान जारी करके पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका एफपीओ वापस लेना पड़ गया. गौतम अडानी पर संकट की कहानी 24 जनवरी से शुरू होती है, जब अमेरिका की शॉर्ट सेलर रिचर्स फर्म हिंडनबर्ग अडानी पर आरोप लगाती है. हालांकि अडानी सारे आरोपों से इनकार कर रहे हैं.
भारत से लेकर पूरी दुनिया में इस वक्त अडानी ग्रुप की चर्चा हो रही है तो इसके पीछे 7 बड़ी वजह हैं…
1- पिछले 9 दिन में अडानी ग्रुप को 8 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान.
2- गौतम अडानी की नेटवर्थ 24 अरब डॉलर गिरकर 64.7 अरब डॉलर रह गई है.
3- दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में गौतम अडानी 2 नंबर से 16 नंबर पर आ गए.
4- आरबीआई ने सभी बैंकों से अडानी एंटरप्राइजेस को दिये कर्ज की जानकारी मांगी है.
5- अडानी ग्रुप के 10 में से 9 शेयरों में गिरावट.
6- अडानी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सब्सक्राइब्ड एफपीओ को रद्द कर इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने की बात कही.
7- अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से गौतम अडानी को लगा झटका.
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