
रायपुर। राजधानी में फैली पीलिया मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव और समाज कल्याण विभाग से तीन दिन के भीतर जबाब मांगा है। कमिश्रर की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए इस संबंध में निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट पेश करने भी कहा है।
राजधानी में पीलिया की आ रही रिपोर्ट और उससे दो महिलाओं की मौत मामले में कोर्ट कमिश्नर सौरभ डांगी ने रायपुर का जायजा लिया था। और हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। मुख्य न्यायधीश टी.बी. राधाकृष्णन तथा न्यायमूर्ति शरद गुप्ता की युगलपीठ को पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि रायपुर में कई मोहल्लों में पीलिया फैल चुका है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने टीम को बताया है कि फरवरी में रायपुर में एक भी प्रकरण पीलिया का दर्ज नहीं किया गया जबकि मार्च से 98 प्रकरण दर्ज किये गये, जिनमें से अधिकतर कांपा-नहरपारा, प्रेम नगर, नया पारा तथा सदर बाजार से थे। जिला अस्पताल में 6 प्रकरण तथा अंबेड़कर अस्पताल में 17 प्रकरण दर्ज किये गये।
कोर्ट कमिश्नर ने पीलिया से हुई मौत मामले में कौशल्या साहू तथा सुशीला साहू के लिए मुआवजे की मांग की है। रिपोट में मांग की गयी है की सचिव स्वास्थ्य विभाग को कौशल्या साहू तथा सुशीला साहू को पीलिया से हुई मौत की जांच कर उनके परिवार को मुआवजा दिलवाने हेतु निर्देश दिये जावें। साथ ही ये सुझाव दिया कि सचिव स्वास्थ्य एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को मिलाकर पीलिया नियंत्रण हेतु कार्य करने विशेषकर कांपा-नहरपारा, गोपाल नगर, सदर बाजार क्षेत्र में वरिष्ठ चिकित्सकों की मौजूदगी में कैंप लगाया जाये। साथ यह सुनिश्चित करवाया जाये कि पीने के पानी प्रदाय करने वाली लाइनों से किसी भी प्रकार से दूषित पानी घरों में नहीं पहुंचे। कोर्ट कमिश्नरों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने उपरांत कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य एवं सचिव समाज कल्याण विभाग को 3 दिनों में जवाब प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया है। प्रकरण की अगली सुनवाई आगामी 9 अप्रैल को होगी।
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