स्वदेशी कंपनी मैप माई इंडिया ने Google पर बड़ा आरोप लगाया है। मैप माई इंडिया के सीईओ रोहन वर्मा का कहना है कि गूगल अपने कंपीटीटर्स को नुकसान पहुंचाता है, जिसकी वजह से मैप माई इंडिया जैसे भारतीय प्रतिस्पर्धियों का गला घुंट रहा है। बता दें कि अक्टूबर में ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अमेरिकी कंपनी गूगल पर करीब 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसके बाद गूगल ने जुर्माने वाले आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी है।
मैप माई इंडिया के सीईओ रोहन वर्मा ने कहा कि ‘कोरोना के दौर में मैप माई इंडिया ने लोगों को आसपास के कंटेनमेंट जोन, जांच और उपचार केंद्रों की जानकारी देने में बड़ी भूमिका निभाई थी, जबकि गूगल मैप में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई थी, बल्कि गूगल ने प्ले स्टोर से हमारे एप को ही हटा दिया था। उन्होंने कहा कि जब शिकायत की गई तब जाकर मैप माई इंडिया एप को वापस प्ले स्टोर में शामिल किया गया।’
उन्होंने गूगल पर आरोप लगाते हुए कहा कि गूगल प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों से मार्केट में अपने एकाधिकार को कायम रखता है। ऐसे में गूगल अपने वैकल्पिक आपरेटिंग सिस्टम, एप स्टोर और मैप्स जैसे एप का यूजर्स के बीच प्रसार को बहुत मुश्किल बना देता है।
1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लग चुका है
हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के लिए करीब 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। आयोग ने अपने आदेश में गूगल को अनुचित कारोबारी गतिविधियां बंद करने और कामकाज के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश दिया भी दिया था।
सीसीआई के 1337 करोड़ रुपये के जुर्माने वाले आदेश को लेकर गूगल ने अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी में चुनौती दी है। सूत्रों के मुताबिक गूगल ने सीसीई के आदेश पर रोक की मांग की है। कंपनी का मानना है कि सीसीई इस मामले में ओईएम की ओर से रखे गए मजबूत साक्ष्यों को स्वीकार करने में विफल रहा। गूगल का कहना है कि एंड्रॉयड ने भारतीय उपयोगकर्ताओं, डेवलपर्स और ओईएम को खूब लाभ पहुंचाया है और भारत के डिजिटल रूपांतरण को सशक्त किया है।
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