Breaking Newsछत्तीसगढ़रायपुर

Vacant CG.Assembly Deputy Speaker – एसटी या एससी वर्ग से हो सकता है नाम तय…

भानुप्रतापपुर उपचुनाव का परिणाम आ गया है। विधानसभा उपाध्यक्ष दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ऐतिहासिक मतों से जीत भी गई हैं। बता दें कि विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद उपाध्यक्ष पद रिक्त हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक इस पद पर पहुंचने के लिए जोड़ तोड़ शुरू कर दिए हैं। सत्ता पक्ष भी किसी ऐसे को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाना चाहेगा जो जातिगत, वरिष्टता और संसदीय कार्यों के अनुरूप हो। क्योंकि शीतकालीन और बजट सत्र भी चलेगा।

बता दें प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 29 विधानसभा सीट में से 27 कांग्रेस के पाले में आई। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के आधार पर आदिवासी वर्ग से डा प्रीतम राम, चिंतामणि महाराज, रामपुकार सिंह, लखेश्वर बघेल, चिंतामणि महाराज, संतराम का नाम उपाध्यक्ष पद की दौड़ में है।

हालांकि सामान्य वर्ग से सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ल और ओबीसी से धनेन्द्र साहू के नामों की भी चर्चा है। लेकिन तीनों की वरिष्ठता और जातिगत समीकरण के साथ ही पद की अपेक्षा में इनका नाम ज़रा ज्यादा वजनदार है। इसलिए संभवतयः इन्हे मौका मिला भी तो ये स्वीकार नहीं करेंगे ऐसा प्रतीत होता है। बता दें कि विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद उपाध्यक्ष पद रिक्त हो गया है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव का परिणाम आ गया है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक इस पद पर पहुंचने के लिए जोड़ तोड़ शुरू करेंगे। ऐसे में सरगुजा के आदिवासी विधायकों की किस्मत खुल सकती है।

कांग्रेस ने 3 दिन पहले ही प्रदेश प्रभारी को बदला है। पीएल पुनिया की जगह कुमारी सैलजा को प्रदेश प्रभारी बनाया है। सैलजा के सामने दावेदार सक्रियता से अपना पक्ष रखने की तैयारी में हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद पर ओबीसी वर्ग के डा चरणदास महंत है। मनोज मंडावी बस्तर और आदिवासी समाज से आते हैं। वर्तमान परिस्थिति में वरिष्ठता के आधार पर बस्तर का कोई भी विधायकइस पद को हासिल कर सके इस स्थिति में नहीं है। इसलिए बस्तर नहीं अब सरगुजा के एसटी विधायक नहीं तो किसी सामान्य वर्ग के विधायक को जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है।

Back to top button