कोरोना संक्रमण से बचाने वाली कोवैक्सीन की 5 लाख से ज्यादा डोज अगले डेढ़ माह के भीतर एक्सपायर हो जाएगी। इसके बावजूद प्रदेश के वैक्सीनेशन सेंटरों में ताला लगा दिया गया है। सरकार की ओर से सेंटर बंद करने का कोई आदेश नहीं है। छोटे-छोटे हेल्थ सेंटर तो दूर रायपुर मेडिकल कॉलेज जैसे सबसे महत्वपूर्ण वैक्सीनेशन सेंटर में डेढ़ माह पहले ही ताला जड़ दिया गया है, जबकि वैक्सीन की पहली डोज छोड़कर किसी भी श्रेणी का टारगेट 100 फीसदी पूरा नहीं हुआ है।
टारगेट में सबसे ज्यादा बूस्टर डोज और 12 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन में पिछड़े हैं। बूस्टर डोज का जितना टारगेट रखा गया है, उसका केवल 55 फीसदी ही पूरा हुआ है। यानी आधे से कुछ ज्यादा लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है। यही स्थिति बच्चों और किशोरों की है। पहली डोज तो लगभग 100 फीसदी लगाई गई है, लेकिन दूसरी डोज का टारगेट आधे से थोड़ा ज्यादा ही पूरा हुआ है। लाखों लोग वैक्सीन लगवाने से बचे हैं। ऐसे लोगों और बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना छोड़कर सेंटरों को ही बंद कर दिया गया है।
स्वास्थ्य संचालक ने 5 दिन पहले जारी की चिट्ठी, अभियान चलाएं
स्वास्थ्य विभाग के संचालक ने 5 दिन पहले 28 नवंबर को राज्य के सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर जिलेवार एक्सपायरी होने वाली डोज की जानकारी दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि वे अभियान चलाकर वैक्सीनेशन करें, ताकि एक्सपायरी होने के पहले ही डोज का उपयोग हो सके।
रायपुर में करीब डेढ़ माह से टीकाकरण केंद्र बंद
रायपुर मेडिकल कॉलेज परिसर पहुंचकर वैक्सीनेशन सेंटर का पता पूछने पर सुरक्षा गार्ड अचरज से चेहरा देखने लगा। कहा- आपको किसने कहा कि टीकाकरण हो रहा है। सर… यहां तो डेढ़ महीने से ताला लगा है। खोलने बंद करने की जिम्मेदारी तो हमारी ही थी। कोई कहता ही नहीं तो खोलते ही नहीं। शहर के बाकी सेंटरों में भी यही स्थिति है। महासमुंद मेडिकल कॉलेज में भी वैक्सीनेशन सेंटर में ताला मिला।
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