छत्तीसगढ़ में जल्दी ही सारे सरकारी अस्पताल और मेडिकल कालेजों में जांच तथा इलाज से लेकर सर्जरी तक मुफ्त करने की तैयारी है, यानी सरकारी अस्पताल कैशलेस हो जाएंगे। सरकार जल्दी ही छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य न्याय योजना लाने जा रही है, जो प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल, जिला सामुदायिक एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र तथा मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में लागू होगी। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना में ओपीडी जांच, वार्डों में भर्ती के दौरान इलाज, खून तथा एक्सरे-रेडियो जांचें और हर तरह की सर्जरी फ्री की जा रही है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है।
सरकार ने इस पर आला हेल्थ अफसरों से अभिमत मांगा था और सभी ने इसे जनहित में बता दिया है। विधानसभा चुनाव में महज एक साल बाकी है। ऐसे में सभी लोगों का फ्री इलाज कैसे हो, उस पर पूरा मंथन कर लिया गया है। शासन की ओर से सरकारी अस्पतालों को प्रति मरीज 10 से लेकर 30 रुपए तक भुगतान किया जाएगा, ताकि अस्पताल इससे जरूरी दवाएं और इंप्लांट खरीद सकें। वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना या डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 95% से ज्यादा लोगों का फ्री इलाज हो रहा है।
इसमें बीमारी के अनुसार पैकेज तय है, जिसमें इलाज के बाद स्वास्थ्य विभाग सरकारी व निजी अस्पतालों का भुगतान करता है। छग स्वास्थ्य न्याय योजना में मरीजों को केवल योजना का कार्ड लेकर जाना है। इसके बाद मरीज को न तो कार्ड ब्लॉकिंग की जरूरत होगी, और न ही विभिन्न काउंटर का चक्कर लगाने की।
मरीजों को घर से अस्पताल लाने की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी मुफ्त रहेगी। केवल छुट्टी के बाद मरीज अपनी व्यवस्था से घर जाएंगे। इसके अलावा, फ्री रसीद के लिए लंबी कतार भी नहीं लगानी पड़ेगी। ओपीडी पर्ची में फ्री इलाज की सील भी लगाई जाएगी।
इन खर्चों से होगी बचत
ओपीडी 10 रुपए। रायपुर व कुछ कॉलेजों में फ्री है।
एमआरआई, सीटी स्कैन जांच के निर्धारित शुल्क।
आयुष्मान कार्ड नहीं होने पर इलाज का खर्च।
बीपीएल कार्ड होने पर ब्लड-रेडियो जांच मुफ्त।
सिर्फ डीकेएस में लगेगा शुल्क
योजना से डीकेएस सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल तथा सभी जगह के पेइंग वार्डों को बाहर रखा गया है। डीकेएस में आयुष्मान भारत के कार्ड से फ्री इलाज होता रहेगा, लेकिन वह न्याय योजना से अलग रहेगा। पेइंग वार्डों में मरीजों को तय शुल्क देना होगा। दरअसल, डीकेएस में ऑटोनॉमस बॉडी है, इसके नियम भी अलग है। सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल होने से शुल्क अलग हैं।
पैसे लगे तो 104 में शिकायत
किसी अस्पताल में अगर स्टाफ या डॉक्टर मरीजों से पैसे लेते हैं तो मरीज टोल फ्री नंबर 104 पर शिकायत कर सकते हैं। इस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अभी भी यह व्यवस्था की गई है, लेकिन यह फिलहाल चल रही योजनाओं के संबंध में है। योजनाओं के तहत मरीजों की शिकायतों पर सरकारी ही नहीं निजी अस्पतालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है।
अस्पतालों को प्रति मरीज इतने पैसे
संस्थान शुल्क
मेडिकल कॉलेज – 30
जिला अस्पताल – 30
सीएचसी, सिविल – 20
पीएचसी-आयुष – 10
उप पीएचसी – 00
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