राजस्थान के उदयपुर जिले में एक ऐसा खौफनाक मामला सामने आया है, जिसने दिल्ली के बुराड़ी कांड की दिल दहला देने वाली यादें ताजा कर दी. बुराड़ी के मकान वो रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर भी याद आने लगा, जब एक मकान में 10 लोगों की लाशें फांसी के फंदे पर झूल रही थीं. ठीक वैसे ही उदयपुर की गोगुंदा तहसील के एक गांव में सामूहिक मौत का केस पुलिस के पास आया है. हम इस मामले को दिल्ली के बुराड़ी कांड जैसा क्यों बता रहे हैं, आइए इस पूरे मामले को सिलसिलेवार समझने की कोशिश करते हैं.
पति-पत्नी और 4 मासूम बच्चे
उदयपुर की गोगुंदा तहसील में एक गांव है. नाम है गोल नेड़ी. गांव के लोग खेती भी करते हैं और कई लोग शहरों में जाकर भी काम करते हैं. ऐसा ही गांव का एक परिवार था. जो आदिवासी समुदाय से आता है. परिवार के मुखिया का नाम था प्रकाश गमेती. उसकी पत्नी की नाम था दुर्गा गमेती. इन दोनों के चार बच्चे थे. महज 3 से 4 महीने का गंगाराम, 5 साल का पुष्कर, 8 साल का गणेश और 3 साल का रोशन.
सुबह घर पहुंचा था भाई
दरअसल, यह परिवार गांव में खेत के किनारे बने मकान में ही रहता था. वहां प्रकाश और उसके दो भाइयों के मकान अगल-बगल ही बने हुए थे. प्रकाश गुजरात में काम करता था. सोमवार को रोज की तरह लोग सुबह जग चुके थे. हर कोई अपने काम पर जाने की तैयारी में था. सूरज चढ़ने के साथ-साथ गांव के लोगों की सरगर्मी भी बढ़ती जा रही थी. इसी दौरान प्रकाश का भाई उनके घर आया. उसने दरवाजे पर दस्तक दी. मगर दरवाजा नहीं खुला.
घर में लटक रही थी 4 लाशें
प्रकाश के भाई को चिंता होने लगी. उसे आवाज़ लगाते और दरवाजे पीटते देख गांव के लोग भी वहां जमा हो गए. इसके बाद सबने मिलकर दरवाजा तोड़ने के फैसला कर लिया और दरवाजा तोड़ दिया. दरवाजा खुलते ही जो मंजर सामने था, उसकी कल्पना गांववालों ने ख्वाब में भी नहीं की थी. घर के अंदर छत से चार लाशें लटक रही थीं और दो लाशें जमीन पर पड़ी थी. ये खौफनाक मंजर देखकर गांववाले और प्रकाश का भाई सहम गए.
जमीन पर पड़े थे दो शव
प्रकाश के भाई को यकीन नहीं हो रहा था कि उसका भाई, भाभी और चार मासूम भतीजे अब इस दुनिया में नहीं रहे. दरअसल, प्रकाश और उसके तीन बेटों की लाशें चुन्नी और साड़ी के सहारे छत से लटकी हुई थीं. जबकि उसकी पत्नी दुर्गा और महज 3 महीने का बेटा गंगाराम घर के फर्श पर मुर्दा पड़े थे. घर की ये दिल दहला देने वाली तस्वीर देखकर लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि ये कैसे हो गया?
गांव में पसरा मातम
प्रकाश के भाई और रिश्तेदार वहां जमा हो चुके थे. हर तरफ मातम पसर गया था. गमेती परिवार पर तो जैसे दुख का पहाड़ टूट पड़ा था. प्रकाश के दूसरे भाई ने इस बात की इत्तिला पुलिस को दी. कुछ ही देर में पुलिस भी मौके पर जा पहुंची. पुलिस ने मौका-ए-वारदात को बारीकी से देखा. इसके बाद मौके पर फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड की टीम बुलाई गई.
आत्महत्या की आशंका
पुलिस ने प्रकाश के घर का कोना-कोना छान मारा. फोरेंसिक टीम ने हर तरफ से सुराग जुटाने की कोशिश की. हैरानी की बात ये थी कि किसी के पास इस बात का जवाब नहीं था कि प्रकाश गमेती के परिवार ने ऐसा क्यों किया. हालांकि पुलिस ने छानबीन के दौरान पाया कि प्रकाश और उसके भाईयों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. मौका-ए-वारदात से जुटाए गए ज्यादातर सबूत आत्महत्या की तरफ इशारा कर रहे थे.
हत्या के बाद की खुदकुशी!
पुलिस ने छानबीन के दौरान देखा कि प्रकाश की पत्नी दुर्गा की लाश पर चोट के निशान भी थे. जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि पहले प्रकाश ने अपनी पत्नी और सभी बच्चों की गला दबाकर हत्या की और फिर ती बच्चों को पत्नी के दुपट्टे और साड़ी से लटका दिया. जबकि सबसे छोटे बेटे और पत्नी को जमीन पर पड़ा रहने दिया. इसके बाद उसने खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी.
डॉग स्क्वायड मौके पर
मगर 6 लोगों की सामूहिक मौत का ये मामला संदिग्ध होने की वजह से पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. मौका-ए-वारदात पर जिस डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया गया था, उसका कुत्ता भी करीब 10 फीट के दायरे में ही घूमता रहा. इसलिए पुलिस केवल उसी घर के एक-एक सामान की जांच कर रही है.
गुजरात में काम करता था प्रकाश
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक कुंदन कांवरिया के मुताबिक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 6 लोगों की लाशें उनके घर में मिली हैं. मरने वालों में 4 मासूम बच्चे और उनके मां-बाप शामिल हैं. घर का मुखिया प्रकाश गुजरात में काम करता था. वह बसों में खाना बेचकर रोजी रोटी कमाता था. फिलहाल ये साफ नहीं कि गमेती परिवार ने एक साथ खुदकुशी की है या फिर ये मामला संदिग्ध मौत का है?
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