रायपुर पुलिस ने ट्रक चोर गैंग को पकड़ा है। लीज में लिए ट्रक को चोरी होना बताकर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से ट्रक बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फर्जीवाड़ा का रैकेट का संचालन बिहार से होता था। पुलिस गिरफ्त में आए पांच सदस्य रायपुर, महासमुंद, भिलाई के हैं। जबकि एक सरगना बिहार का रहने वाला है। गिरोह के कब्जे से पुलिस ने 20 से ज्यादा ट्रक जब्त की है। चोरी के ट्रक को रायपुर में खमतराई इलाके की एक यार्ड में छिपाकर रखते थे। आरोपितों के पास से 283 ट्रकों के चोरी का मामला अब तक सामने आया है।
एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने मामले का राजफाश करते हुए बताया है कि फर्जीवाड़ा करने के आरोप में बिहार, मुजफ्फरपुर निवासी सत्येन्द्र कुमार के अलावा उपेन्द्र शर्मा, अशोक अग्रवाल, शाहाबुद्दीन अहमद काजी उर्फ सब्बू उर्फ सोनू खान, राजेश यदु उर्फ ओमप्रकाश और नारायण दास रोहरा को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य आरोपित नागेंद्र कुमार फरार है।
मोटी रकम का लालच देकर लीज में लेते थे ट्रक
एसएसपी के मुताबिक नागेंद्र और सत्येंद्र ट्रक मालिक को हर महीने 80 से 85 हजार रुपये देने की बात कहकर ट्रक लीज में लेते थे। ट्रक मालिक को दो-तीन महीने ट्रक का किराया देते थे। इसके बाद ट्रक मालिक को ट्रक चोरी होने की बात कह ट्रक का हुलिया बदलने के साथ चेचिस नंबर बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जो सेकेंड हैंड ट्रक लेना चाहते हैं उन्हें बेच देते थे।
नेटवर्क पूरे देश में फैला है
पुलिस अफसरों के मुताबिक गिरफ्त में आए रैकेट देश के अलग-अलग राज्यों में फर्जीवाड़ा करने का नेटवर्क संचालित करते हैं। गिरोह के लोग छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तरप्रदेश और नार्थ-ईस्ट में फर्जी दस्तावेज तैयार कर ट्रक को खपाने का काम करते थे।
अब तक 283 ट्रक लीज में लेकर किया फर्जीवाड़ा
नागेंद्र के नाम पर अब तक 283 ट्रक लीज में लेने की जानकारी मिली है। नागेंद्र का उद्देश्य ट्रक लीज में लेकर चलाने की बजाय उस ट्रक को चोरी होना बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने का रहा है। इस लिहाज से पुलिस को आशंका है कि नागेंद्र ने जितनी ट्रक लीज में ली है उन सभी ट्रकों की फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया होगा।
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