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रायपुर में एससी/एसटी के भारत बंद का मिला-जुला असर, नहीं मिला चेम्बर का समर्थन

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में किये गये संशोधन के विरोध में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी अधिवक्ता रामकृष्ण जांगड़े के आह्वान पर भारत बंद के राष्ट्रीय आह्वान के परिप्रेक्ष्य में भारत बंद को राजधानी में आंशिक सफलता मिली। मोर्चा के युवा सदस्यों द्वारा सुबह से सफेद ध्वजा लगी बाईक रैली का आयोजन कर बंद के लिए समर्थन मांगा गया। ज्ञातव्य है कि भारत बंद को चेम्बर ऑफ कामर्स का समर्थन नहीं मिला है। समर्थन देने वालों में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय में संविधान में उल्लेखित प्रावधानों में संशोधन किये जाने का विरोध किया है। भारत बंद के दौरान शहर के पेट्रोल पंप एवं फुटकर बाजार बंद रहा। शहर के पाश कॉलोनियों में स्थित बाजार ज्यादातर खुले दिखे।





गौरतलब है कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में पूर्व में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार उपरोक्त वर्ग में आने वाले पुरुष-स्त्री के खिलाफ सामान्य वर्ग द्वारा अपमानजनक व्यवहार किये जाने पर पीडि़त द्वारा सीधे थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाने का अधिकार था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित कर पीडि़त द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में दिये गये तथ्यों की जांच के उपरांत ही अपमानकर्ता के खिलाफ थाने में मामला पंजीबध्द कर नियमानुसार कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है। मोर्चा के अधिकांश सदस्यों ने आरक्षण के प्रावधानों का विरोध करने वालों से सीधे तौर पर यह जानना चाहा है कि संविधान में दिये गये प्रावधान से उन्हें क्या तकलीफ है।

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