केन्द्र के खाते में जमा ओल्ड पेंशन के 17 हजार करोड़ रुपए निकालने के लिए राज्य सरकार नया तरीका अपनाने जा रही है। विधि-विशेषज्ञों की तैयार रिपोर्ट के बाद कर्मचारियों को 25 फीसदी तक जमा राशि निकालने की छूट देने की तैयारी की जा रही है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसी हफ्ते इसकी घोषणा कर सकते हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने अपने खाते में जमा पैसा देने से राज्य को मना कर दिया है। उसका कहना है कि यह केन्द्र सरकार और कर्मचारियों के बीच हुए समझौता के तहत जमा है। इस वजह से माना जा रहा है कि अब राज्य सरकार कर्मचारियों को वहां जमा पैसा निकालने की अनुमति जल्द दे देगी। डेढ़ महीने पहले जब कर्मचारी करोड़ों रुपए निकाल रहे थे, तब वित्त विभाग ने इस पर बैन लगा दिया था। वित्त के अफसरों ने सीएम भूपेश को इसकी पेचिदगियों से अवगत करा दिया गया है।
अप्रैल से लागू है पुरानी पेंशन योजना
दरअसल राज्य सरकार ने प्रदेश में अप्रैल से पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी है। अब ओपीएस के अनुरूप हर कर्मचारी का नया जीपीएफ खाता खोलकर हर महीने उनके मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंशदान खाते में जमा किया जा रहा है। यह कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर ब्याज सहित अंतिम भुगतान के रूप में दिया जाएगा। अब कर्मचारी नई अंशदायी पेंशन योजना का पैसा जो केंद्र सरकार के पास जमा है, निकालना चाहते हैं।
ऐसे निकाल सकते हैं
जानकारों के मुताबिक नियम है कि कर्मचारी चाहें तो अपनी जमा रकम का 25 प्रतिशत तक पैसा केंद्र सरकार के एनपीएस ट्रस्ट तथा एनएसडीएल को आवेदन देकर निकाल सकते हैं। बताते हैं कि राजस्थान में कर्मचारियों ने दिल्ली में जमा अपने 17-18 सौ करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों ने 400-500 करोड़ निकाल लिए हैं।
सीएम भी लिख चुके हैं पत्र
केंद्र के एनपीएस तथा एनएसडीएल के पास नवीन अंशदायी पेंशन का करीब 17 हजार 240 करोड़ रुपए जमा है। सीएम भूपेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेंशन निधि पैसा लौटाने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार राज्य सरकार को जमा पैसा लौटाएगी या नहीं, तय नहीं है। राज्य चाहता है कि 31 मार्च तक एनएसडीएल के पास राशि को वापस ली जाए।
कब क्या हुआ
राज्य सरकार ने 20 मई को भी पत्र भेजकर पेंशन निधि विनियामक से जमा राशि मांगी
प्राधिकरण ने 26 मई को प्रावधान नहीं होने की जानकारी दी कि राज्य सरकार को कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जाए।
पिछले बजट सत्र में विधानसभा में राज्य शासन ने 1 नवम्बर 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों के लिये नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की।
केबिनेट ने 1 मई को इस निर्णय का अनुमोदन किया।
छत्तीसगढ़ राजपत्र में 11 मई को अधिसूचना जारी की गई।
1 अप्रैल से कर्मचारियों के वेतन से मासिक पेंशन अंशदान जो एनएसडीएल को जमा किया जाता है, काटना बंद कर दिया।
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