प्रदेश की राजधानी रायपुर में हैप्पी स्ट्रीट बनाने की तैयारी चल रही है। दो साल पहले भी इसके लिए प्लान बना था, लेकिन कोरोना की वजह से काम नहीं हो सका। इस बार रायपुर में आधा दर्जन से अधिक सड़कों को हैप्पी स्ट्रीट के रूप में डेवलप करने के बड़े प्लान पर काम किया जा रहा है। इसके लिए स्मार्ट सिटी ने प्रारंभिक सर्वे शुरू कर दिया है।
हैप्पी स्ट्रीट के तौर पर 17 लाख की आबादी वाले रायपुर के लोगों को घूमने, मनोरंजन और खान-पान के लिए सुविधाओं की नई सौगात मिलेगी। जानकारी के अनुसार हैप्पी स्ट्रीट को आम लोगों की रुचि और पसंद से जुड़ी सुविधा के मुताबिक डेवलप किया जाएगा।
इसमें स्ट्रीट फूड पसंद करने वालों के लिए हाईजेनिक फूड जोन, शॉपिंग पसंद करने वालों के लिए स्ट्रीट शॉप्स और वेंडिंग जोन भी रहेंगे। ऐसे लोग जो केवल घूमना पसंद करते हैं, उनके लिए ग्रीन पाथवे, साइकलिंग, स्कैटिंग, योग या कसरत के शौकीनों के लिए इसकी भी व्यवस्था रहेगी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार, दो साल पहले बनाए गए प्लान में नगर घड़ी से मोतीबाग इलाके को जोड़ने वाली अप्रोच रोड को विकसित करने की योजना थी।
लेकिन इस बार बूढ़ा तालाब गार्डन के अंदर और बाहर के स्पेस, तेलीबांधा के फूड जोन और अंदर के क्षेत्र के अलावा ऑक्सीजोन, कलेक्टोरेट, नगर निगम, सुभाष स्टेडियम क्षेत्र की स्मार्ट सड़कों को भी हैप्पी स्ट्रीट के रूप में विकसित किया जा सकता है। दो साल पहले स्मार्ट सिटी ने जब इसके लिए शुरुआती आंकलन किया था, उसमें पुराने शहर में एबीडी एरिया के कुछ सड़कों पर सर्वे किया गया था। बाद में फिजिबिलिटी और दूसरे पैमाने पर सड़कों का सर्वे नहीं हो पाया।
इस तरह की प्लानिंग: स्थायी और वीकेंड पर अस्थायी हैप्पी स्ट्रीट भी- अधिकारियों के अनुसार रायपुर में स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की हैप्पी स्ट्रीट बनाने की योजना पर काम हो रहा है। स्थायी सड़कों में ऐसी सड़कें जहां अपेक्षाकृत कम ट्रैफिक है, उन्हें स्थायी तौर पर हैप्पी स्ट्रीट घोषित किया जाएगा। वहीं अस्थायी रूप से कुछ सड़कों को वीकेंड में सुबह और शाम के वक्त हैप्पी स्ट्रीट के रूप में रिजर्व कर लिया जाएगा। उस दौरान उन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही नहीं होगी।
हैप्पी स्ट्रीट शहर में कला, संस्कृति, मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियों के स्पॉट के रूप में डेवलप किया जाएगा। इसमें ऐसे शहर जहां हैप्पी स्ट्रीट बनाई गई है जैसे अहमदाबाद, नागपुर, चेन्नई आदि के मॉडल की स्टडी भी की जाएगी। वहां जिस तर्ज पर इन्हें बनाया गया है, शहर की जरूरत के हिसाब से उस मॉडल पर काम किया जाएगा।
दोनों मॉडल पर काम होगा- हैप्पी स्ट्रीट के लिए स्मार्ट सिटी के तहत सड़कों का सर्वे किया जाएगा। इसमें स्थायी और अस्थायी दोनों मॉडल पर काम किया जाएगा। शहर में ऐसे स्थान जहां लोग सबसे ज्यादा घूमना पसंद करते हैं, वहां इसे डेवलप करने पर पहला फोकस रहेगा।
मयंक अग्रवाल, एमडी, स्मार्ट सिटी रायपुर
हैप्पी स्ट्रीट स्मार्ट शहरों में नया ट्रेंड
स्मार्ट शहरों में हैप्पी स्ट्रीट एक नया ट्रेंड है। इसमें चौड़ी सड़क, हाईजेनिक फूड जोन, स्ट्रीट वेंडर्स, घूमने के लिए पर्याप्त जगह, हरे-भरे और फूल-पौधे वाले पाथ-वे, खेलकूद-मनोरंजन के लिए पर्याप्त जगह, साइकिलिंग, स्केटिंग के लिए भी निर्धारित स्थान, ओपन जिम, पब्लिक एक्टिविटी के लिए स्पेस और मंच, थीमैटिक लाइट जैसी सुविधाएं होती हैं।
अहमदाबाद में साढ़े 8 करोड़ रुपए की लागत से पुराने खाऊ बाजार को हैप्पी स्ट्रीट बनाया गया है। दिन में यहां गाड़ियां पार्क होती हैं, जबकि शाम 6 बजे से रात एक बजे तक ये हैप्पी स्ट्रीट के रूप में रहती है। इस दौरान वाहनों की आवाजाही कम होती है।
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