राज्य सरकार ने बेरोजगारी को खत्म करने के लिए देश की नामी कंपनी टाटा के साथ हाथ मिलाया है। अगले सत्र से टाटा राज्य के सभी 47 पॉलिटेक्निक और 186 आईटीआई में अपना वर्कशाप खोलेगी। इसमें शार्ट और लांग टर्म कोर्स करवाए जाएंगे। कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को टाटा नौकरी भी देगी। सभी कोर्स बाजार को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में जिस तरह के मेन पावर की डिमांड है, छात्रों को स्पेसिफिक वही ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स करने वाले सभी छात्रों को टाटा अपना सर्टिफिकेट देगी। इसको लेकर राज्य सरकार और टाटा के बीच हाल ही में एमओयू भी हो चुका है।
शार्ट और लांग टर्म कोर्स
टाटा शार्ट और लांग टर्म दोनों तरह के सर्टिफिकेट कोर्स कराएगी। 3,4,5 महीने से लेकर छात्रों को एक साल तक के कोर्स पढ़ने को मिलेंगे। जैसे-जैसे सटिर्फिकेट कोर्स छात्र के कंप्लीट होते जाएंगे, वैसे-वैसे उसे आगे के कोर्स पढ़ने में दाखिला मिलता जाएगा। इसके सिलेबस को टाटा के ही एक्सपर्ट अलग पैटर्न पर तैयार कर रहे हैं। कोर्स कंप्लीट होने पर टाटा हर छात्र को अपना सर्टिफिकेट भी देगी।
10 हजार स्क्वायर फीट जमीन देगी सरकार
– टाटा के वर्कशाप में किस तरह की पढ़ाई होगी?
छात्रों को किताबी ज्ञान की जगह प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इस समय इंडस्ट्री में जिस तरह के टेक्नोक्रेट्स की जरूरत है, उन्हें वैसा बनाया जाएगा। जैसे लो रोबोटिक्स बिल्डिंग, न्यूमैटिक एसेंबली लाइन जैसी पढ़ाई कराई जाएगी।
-टाटा के कोर्स में क्या कॉलेज के टीचर ही पढ़ाएंगे?
टाटा अपने एक्सपर्ट खुद नियुक्त करेगी। कॉलेज के टीचर केवल तय कोर्स ही पढ़ाएंगे।
-जो काेर्स अभी पढ़ाया जा रहा है, क्या उसी के साथ टाटा भी पढ़ाएगी?
अभी जो भी कॉलेज में समय और कोर्स तय है, छात्रों काे वहीं पढ़ना है। इसके अलावा टाटा के कोर्स एक्स्ट्रा टाइम में करना होगा। जो छात्र इच्छुक होंगे वे टाटा के कोर्स की पढ़ाई करेंगे।
-टाटा जॉब कैसे देगी?
टाटा के कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को वे जॉब देंगे। टाटा के साथ कई इंटरनेशनल कंपनियां जुड़कर भी काम करती हैं। टाटा अपने यहां तो छात्रों को नौकरी देगा ही, साथ वाली इंटरनेशनल कंपनियों में भी छात्रों को प्लेसमेंट मिलेगा।
हर आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकार टाटा को 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन 3 साल के लिए देगी। इस जमीन पर टाटा अपने वर्कशाप का प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर खड़ा करेगा। क्लासरूम से लेकर ट्रेनिंग रूम तक होंगे। इसके लिए जनवरी तक सर्वे पूरा हो जाएगा और जमीन चिन्हित कर ली जाएगी। 3 साल बाद अगर एमओयू आगे नहीं बढ़ता है तो टाटा इस जमीन को खाली कर देगा।
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