
आज देशभर में दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है. दशहरा को अधर्म पर धर्म की विजय और असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाते हैं. दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है. इस दिन शस्त्र पूजा करने और दुर्गा मां की प्रतिमाओं का विसर्जन करने का विधान है. जो लोग अपने घरों में नवरात्रि का कलश स्थापना किए हैं या दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना किए हैं, वे आज दशहरा पर उनका विसर्जन करेंगे, ताकि मां दुर्गा अपने मायके से विदा होकर ससुराल यानि कैलाश पर्वत पर अपने परिवार के सदस्यों के साथ चली जाएं. फिर उनको अगले साल पृथ्वी पर अपने मायके आने का निमंत्रण भेजा जाएगा. मां दुर्गा आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को पृथ्वी लोक पर आती हैं और 09 दिनों तक रहने के बाद दशमी को वापस विदा होकर चली जाती हैं. आइए जानते हैं विजयादशमी पर शस्त्र पूजा और दुर्गा विसर्जन के शुभ मुहूर्त के बारे में.
दशहरा तिथि 2022
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि काशी विश्वनाथ ऋषिकेष पंचांग के आधार पर आश्विन शुक्ल दशमी तिथि 04 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ हो गई थी और इस तिथि का समापन आज 05 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर हो रहा है. उदयातिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार आज मनाया जा रहा है.
दशहरा शस्त्र पूजा मुहूर्त 2022
आज दशहरा को शस्त्र पूजा का विधान है. आज शस्त्र पूजा आप सुबह से लेकर दिन में 11 बजकर 09 मिनट तक कर सकते हैं, जब तक कि दशमी तिथि है. हालांकि इस दिन विजय मुहूर्त में भी यह पूजन कर सकते हैं. आज विजय मुहूर्त दोपहर 02:07 बजे से लेकर दोपहर 02:54 बजे तक है.
शस्त्र पूजा के लिए शुभ समय
आज प्रात: 06:16 बजे से प्रात: 07:44 बजे तक— लाभ-उन्नति का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
आज प्रात: 07:44 बजे से सुबह 09:13 बजे तक— अमृत-सर्वोत्तम चौघड़िया मुहूर्त
आज सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:09 बजे तक— शुभ-उत्तम चौघड़िया मुहूर्त
आज दोपहर 03:06 बजे से शाम 04:34 बजे तक— चर-सामान्य चौघड़िया मुहूर्त
आज शाम 04:34 बजे से शाम 06:03 बजे तक— लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त
दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त 2022
दशहरा के अवसर पर दुर्गा विसर्जन के लिए शुभ समय आज प्रात:काल सूर्योदय के बाद से सुबह 11 बजकर 09 मिनट तक है. इस समय काल में आप मां दुर्गा की मूर्ति या फिर नवरात्रि कलश को स्थापित स्थान से हटा दें. फिर विधिपूर्वक उनका विसर्जन कर दें.
रावण दहन मुहूर्त 2022
दशहरा के दिन शाम को प्रदोष काल में रावण का पुतला दहन किया जाता है. पुतला दहन का सही समय सूर्यास्त से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक होता है. इस समय में आपको पुतला दहन कर लेना चाहिए.





