छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर सरकार की नई पॉलिसी में सुविधाओं को लेकर लोग इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में करीब 20 हजार ईवी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। खास बात यह है कि इसकी खरीदी में रुचि लेने वाले लोगों में राजधानी रायपुर से लेकर आदिवासी इलाकों के लोग शामिल हैं।
नक्सल प्रभावित सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर व नारायणपुर आदि जिलों की सड़कों पर ईवी दौड़ रही है। अब सरकार इन गाड़ियों की बैटरियों के लिए रिचार्ज स्टेशन खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। फिलहाल पांच रिचार्ज स्टेशन खोले जा चुके हैं, केंद्र सरकार की एजेंसी की मदद से क्रेडा, रायपुर, सिटी, एनआरडीए आदि जगहों पर रिचार्ज स्टेशन खोले गए हैं। 40 और स्टेशनों को मंजूरी दी गई है।
वर्तमान में जहां रिचार्ज स्टेशन है वहां से लोग खुद गाड़ियों के किट खरीदकर ले जा रहे हैं। घरों में इसकी बैटरी रिचार्ज कर रहे हैं। इसे खरीदने में कोई अतिरिक्त प्रक्रिया पूरी नहीं करनी पड़ती है। परिवहन विभाग इस बारे में भी विचार कर रहा है कि रिचार्ज स्टेशन खोलने की परमिशन एक रूट पर दी जाएगी। जैसे किसी एक व्यक्ति को रायपुर भिलाई रूट पर अनुमति, दूसरे को दूसरे रूट पर दी जाएगी। इसके लिए बीट भी खोले जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रिचार्ज स्टेशन लगाने में रुचि ले सकें। इसके पहले फेस के लिए राजनांदगांव बिलासपुर रूटों पर विचार चल रहा है। सरकारी तौर पर रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, मार्केट जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ये स्टेशन लगाए जाएंगे।
ये सुविधाएं सरकार ने दी हैं
बताया गया कि सरकार ने ईवी गाड़ी खरीदने पर कीमत में दस फीसदी सब्सिडी, परमिट फ्री, टैक्स फ्री व पंजीयन चार्ज फ्री जैसी सुविधाएं दी हैं। लगभग ये सुविधाएं दूसरे राज्य भी दे रहे हैं। प्रदेश में बिजली सस्ती होने से ईवी गाड़ियां खरीदने वाले फायदे में रहेंगे। पेट्रोल -डीजल की अपेक्षा वे कम खर्च पर इसे चला सकेंगे। गाड़ी को लेकर विशेषज्ञों में यहीं एक बात है कि इसकी बैटरी रिप्लेस करते वक्त बड़ा खर्च आएगा। बाकी हर तरह से ईवी इकोनॉमिकल है। इसकी बॉडी व मोटर कम कीमतों पर आसानी से मिल जाएगी, क्योंकि इसके मूविंग पार्ट पेट्रोल -डीजल की गाड़ियों से कम हैं।
रायपुर में ईवी
मोटर साइकिल स्कूटर 1900, मोटर साइकिल -स्कूटर विथ साइड कार-2, मोपेड 1376, थ्री व्हीलर पर्सनल-36, ई-रिक्शा 2010, ई-रिक्शा विथ कार्ट-282, थ्री व्हीलर गुड्स-53, थ्री व्हीलर पैसेंजर 494, एग्रीकल्चर ट्रैक्टर-2, गुड्स कैरियर 519, मोटर कार 539, ओमनी बस प्राइवेट यूज 1, मोटर कैब 12 और क्रेन मांटेड व्हीकल। इस प्रकार पूरे जिले में 6980 इलेक्ट्रिक गाड़ियां चल रही हैं।
इस मामले में परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा का कहना है कि पेट्रोल -डीजल गाड़ियों की अपेक्षा ईवी गाड़ियां काफी कम खर्चीली हैं। इसके रिचार्ज स्टेशन जल्द ही पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे। नई नीति से आकर्षित होकर लोग इसकी खरीदी में रुचि दिखा रहे हैं। पेट्रोल -डीजल गाड़ियों पर भी छत्तीसगढ़ के टैक्स अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। – इन्हें जनता के लिए ही सब्सिडी में उपयोग में लाया जाएगा। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
28 जिलों में भी चल रही ईवी गाड़ियां
रायपुर, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, अंबिकापुर, बैकुंठपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा, सुकमा, कोंडागांव, मुंगेली, सूरजपुर, बलरामपुर, और गौरेला-पेंड्रा -मारवाही।
ये है फायदा
दैनिक उपयोग में आसान ।
पर्यावरण की रक्षा में मददगार ।
प्रदूषण से मुक्ति में सहायक ।
पेट्रोल -डीजल पर निर्भरता खत्म होने से विदेशी मुद्रा की बचत।
खर्चा भी कम लगेगा।
Add Comment