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स्कूल के दोनों शिक्षक शराबी… सभी छात्रों ने 2 किमी दूर स्कूल में लिया दाखिला, बच्चे बाेले- समय पर नहीं आते थे शिक्षक, शराब पीकर कुर्सी पर सोते रहते थे…

शराबी शिक्षकों की वजह से ग्रामीणों ने अपने बच्चों का नाम गांव के स्कूल से कटवा लिया और अब गांव के सभी बच्चे दो किमी पैदल चलकर पड़ोस के गांव के प्राथमिक शाला में पढ़ने जा रहे हैं। यह मामला फरसाबहार ब्लॉक के ग्राम पंचायत कंदईबहार का है। कंदईबहार पंचायत अंतर्गत प्राथमिक शाला छिरोटोली में बच्चों की दर्जसंख्या 16 थी। इस स्कूल में दो शिक्षक आलोक रंजन बड़ा और अखिलेश टोप्पो पदस्थ किए गए हैं।

दोनों सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग के हैं। पर वर्तमान में इस स्कूल में एक भी बच्चे नहीं है। सभी पालकों ने अपने बच्चों की टीसी इस स्कूल से ले ली और बच्चों का एडमिशन पड़ोस के गांव टोंगोटोली के प्राथमिक शाला में करवा दिया है। पालकों ने बताया कि इस स्कूल में पदस्थ दोनों शिक्षक स्कूल समय पर नहीं आते थे।

देर से वे शराब पीकर स्कूल पहुंचते थे। स्कूल में वे बच्चों को नहीं पढ़ाते थे। पालक रामदयाल भगत ने बताया कि शिक्षक बच्चों को खुद से पढ़ने की बात कहकर शराब पीने चले जाते थे। शराब पीकर दिनभर स्कूल की कुर्सी पर सोते रहते थे। स्कूल में छात्राएं भी थीं और शराबी शिक्षकों की वजह से डर बना हुआ था।

ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करना चाहिए- छिरोटोली गांव निवासी हाईकोट के अधिवक्ता दिलमन रति मिंज ने कहा कि यह बेहद निंदनीय और शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाली घटना है। शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ता है पर यहां शिक्षक खुद नशे में डूबा हुआ है। मैं गांव पहुंचा तो ऐसी स्थिति देखी। जिसके बाद पालकों को एकजुट कर स्कूल के सामने प्रदर्शन कर व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग शिक्षा विभाग से की गई।

2 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हुए बच्चे
पालकों ने बताया कि उनके गांव में स्कूल है। पर शराबी शिक्षकों की वजह से उनके बच्चों को हाथी प्रभावित जंगल के रास्ते पर रोज 2 किमी पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ रहा है। इस संबंध में विभाग में शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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