रायपुर में LGBTQ समुदाय के कार्यक्रम के बाद अब बवाल मच गया है। दरअसल रविवार को हुए कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है । इसमें गे कपल एक दूसरे को Kiss करता नजर आ रहा है। इस पर अब कई तरह की चर्चाएं हैं और भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने इस व्यवहार पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
दरअसल रविवार को एलजीबीटीक्यू समुदाय ने प्राइड मार्च का आयोजन किया था। इसमें देशभर के अलग-अलग इलाकों से ट्रांसजेंडर लैसबियन गे और बायसेक्सुअल लोग शामिल हुए थे। मकसद था इस वर्ग के प्रति समाज में जागरूकता लाना। तेलीबांधा के पास स्टेज बनाया गया था,जिसमें नाच गाने का कार्यक्रम हो रहा था । तभी एक गे कपल ने एक दूसरे को सार्वजनिक जगह पर किस करना शुरू कर दिया।
अश्लीलता का नंगा नाच
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि, हम किसी भी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का विरोध नहीं कर रहे। मगर खुलेआम सड़क पर अश्लीलता का नंगा नाच करना ठीक नहीं। यह माता कौशल्या की धरती है। छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। न्यायालय द्वारा दिए गए अधिकारों का हम पूरा सम्मान करते हैं मगर खुलेआम इस तरह से अश्लीलता फैलाना ठीक नहीं हम इसका विरोध करते हैं।
मासूमियत भरा भाव था
रविवार को हुए आयोजन से जुड़े अक्षय मानकर ने Media को बताया कि, गे कपल का किस अश्लील नहीं था। पहली बार रायपुर शहर में इस तरह का आयोजन हुआ था। देशभर से युवा लोग आए हुए थे सभी में खुशी थी मासूमियत भरे अंदाज में उन्होंने अपना प्यार का इजहार किया। किसी में अश्लीलता मुझे नहीं लगी।
रायपुर में 18 सितंबर को हुए प्राइड मार्च कार्यक्रम में गे कपल ने किया kiss… अश्लीलता पर जताई गई आपत्ति pic.twitter.com/h3wgEVF8n2
— thevoices.in (@Thevoiceshindi) September 19, 2022
ये था कार्यक्रम का मकसद
अक्षय मानकर ने बताया कि, छत्तीसगढ़ प्राइड मार्च का आयोजन मितवा समिति और क्वीरगढ़ की तरफ से किया गया था। छत्तीसगढ़ प्राइड मार्च के आयोजन का मकसद यही था कि, हम अपने बारे में सभी लोगों को बताएं। हम मौजूद हैं। समाज में हमारा भी योगदान है। हमें भी बराबरी मिले। बराबरी से हमारा मतलब है कि समलैंगिक कपल शादी करें, सरकार और समाज उन्हें सुविधा दे, अपनाएं। कंवर्ट करने के लिए कई तरह के मेडिकल फ्रॉड हो रहे हैं इन पर रोक लगे। सिद्धांंत ने कहा कि हमारी प्राइड मार्च कलर फुल रही। हम भी इंसान हैं, इंसानों की ही तरह हमें भी समाज में, राज्य में रहने का हक है। हमें बस रिस्पेक्ट और एक्सेप्टेंस चाहिए।
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