छत्तीसगढ़ में मानसून की बारिश का ट्रेंड इस साल कुछ अलग ही रहा है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ, जब प्रदेश के 10 जिलों में मानसून के दौरान 4 महीने में जितनी बारिश होती है, सिर्फ 3 महीने में उतनी या उससे अधिक हो गई। इनमें 6 जिले बालोद, बस्तर, बीजापुर, धमतरी, जांजगीर और कांकेर ऐसे हैं, जहां पिछले साल बारिश औसत से कम थी, पर इस बार अगस्त में ही पूरे मानसून के औसत से ज्यादा पानी बरस गया।
बस्तर के बीजापुर जिले में तो सारे रिकार्ड टूट गए हैं। वहां अगस्त तक ही 2078.2 मिमी बारिश हो गई है। जबकि वहां का पूरे मानसून का औसत 1323.4 मिमी है। इसके विपरीत, पिछले साल नारायणपुर में मानसून में औसत से डेढ़ गुना बारिश हुई थी, जबकि इस बार अब तक 1165.1 मिमी पानी ही बरसा है।
यह अभी औसत से 37.1 मिमी कम है। कम बारिश वाले जिलों में बेमेतरा दूसरे नंबर पर है। वृष्टिछाया क्षेत्र होने के कारण कम बारिश वाले कबीरधाम, मुंगेली और राजनांदगांव में जुलाई व अगस्त में औसत से 51% अधिक बारिश हो चुकी है।
मानसून लेट नहीं हुआ लेकिन तेज बारिश शुरू हुई जुलाई में
2021 में प्रदेश में मानसून 10 जून को और 2022 में 16 जून को आया। जून 2021 में यहां 243.4 मिमी बारिश हुई थी। जून 2022 में 137.7 मिमी ही हुई है। लेकिन आगे के दोनों महीनों में हुई बारिश में अंतर आया है। जुलाई 2021 में जहां 326.7 मिमी बारिश हुई थी, जुलाई 2022 में 441.9 मिमी हो गई है। अगस्त 22 में भी अगस्त 2021 की बारिश का रिकार्ड टूट गया है। 214.6 मिमी के सापेक्ष 454.8 मिमी बारिश हुई है
गंगा में बाढ़: भागलपुर में लोग छतों पर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार समेत देश के उत्तरी हिस्से में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। राष्ट्रीय मौसम केंद्र ने शनिवार को इन इलाकों के अलावा राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। लगातार भारी वर्षा से उत्तरी तथा मध्य भारत की अधिकांश नदियां उफन गई हैं। तस्वीर गंगा किनारे जगह-जगह बाढ़ के हालात की है। भागलपुर (बिहार) में गंगा किनारे के अधिकांश हिस्से में बाढ़ के कारण लोग छतों पर हैं।
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