रायपुर। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने राज्यसभा में अंतारांकित प्रश्न के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण चिरमिरी बरवाडीह रेल परियोजना का विषय को पुन: सदन में उठाया। नेताम ने रेल मंत्रालय से इस परियोजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगते हुए इस परियोजना में पिछले तीन वर्षों से सरकार द्वारा कितना बजट आबंटित किया गया है एवं इस परियोजना पर कितना व्यय की गई राशि का कोई रिकॉर्ड वर्षवार श्रेणीवार रखा गया है और कम बजट के परिव्यय ने उक्त परियोजना के कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
जिसके जवाब में केंद्रीय राज्य रेलमंत्री राजेन गोहीं ने जवाब दिया कि जी हां।
बरवाडीह-चिरमिरी (अंबिकापुर) (182 किमी) के बीच नई लाइन के लिए अद्यन सर्वेक्षण 1104.50 करोड़ रु. की लागत पर वर्ष 2010-2011 में किया गया था। तत्कालीन योजना आयोग ने उक्त परियोजना के लिए इस शर्त पर सिद्धांतत: अनुमोदन प्रदान किया (जून 2012) था कि रेल्वे संबंधित राज्य सरकार से नि:शुल्क भूमि प्राप्त करे और कोल इंडिया, जिसके पास भारी निवेश योग्य सरप्लस है, से संपर्क करके इस परियोजना को संयुक्त उद्यम के रूप में संयुक्त आधार पर विकसित करने का अनुरोध करें। तद्नुसार, राज्य सरकार और कोल इंडिया से मई 2013 में नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने और इस परियोजना को संयुक्त रूप से विकसित करने का अनुरोध किया गया। उस समय न राज्य सरकार और न ही कोल इंडिया ने कोई प्रत्युत्तर दिया। अत: इस परियोजना में आगे कार्रवाई नहीं की जा सकी।
अब छत्तीसगढ़ रेलवे निगम लिमिटेड (छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय की एक संयुक्त उद्यम कंपनी) ने इस परियोजना की भावी विकास के लिए संभावित परियोजना के रूप में पहचान की है और नवंबर 2017 में बरवाडीह से अंबिकापुर नई लाइन परियोजना की आर्थिक लाभप्रदता तथा व्यवहार्यता के आकलन के लिए एक परामर्शदात्री ठेका प्रदान किया है। बरवाडीह से अंबिकापुर परियोजना अभी स्वीकृत नहीं है।
नेताम ने इससे पूर्व भी राज्यसभा के हर सत्र में इस विषय एवं इस परियोजना के विलंब से क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सदन के समक्ष उठाते रहे हैं।
यहाँ भी देखे – सांसद रामविचार नेताम ने राज्यसभा चुनाव के शपथ-पत्र में भी दी गलत जानकारी, पत्नी की आमदनी भी छुपाई, जनता कांग्रेस का आरोप
Add Comment