छत्तीसगढ़ में गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा समेत अन्य तीज त्यौहारों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इस बार भी पीओपी की प्रतिमाओं पर प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा। लेकिन कोरोना के कारण प्रतिमाओँ की साइज पर लगाया गया प्रतिबंध भी हटा दिया गया है। इस बार किसी भी समितियां किसी भी साइज की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। यही नहीं, पंडाल और झांकी में लोगों की उपस्थिति को लेकर भी गाइडलाइन में कोई सीमा तय नहीं की गई है।
केवल नदियों में विसर्जन करने पर ही रोक लगाई गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य शासन के पर्यावरण से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। किसी भी शर्त में नदियों में प्रतिमाओं का विसर्जन न किया जाए जिला प्रशासन की इसकी व्यवस्था करनी होगी।
इस सीजन के दिशा-निर्देश
तालाबों/घाटों पर विसर्जन के पहले पूजा की सामग्री अलग कर रखा जाए।
सार्वजनिक आयोजनों में तालाबों/घाटों पर सफाई, फॉगिंग, पेयजल जरूरी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार नदी में मूर्तियों का विसर्जन नहीं हो।
आयोजन स्थलों के पास मोबाइल मेडिकल यूनिट का इंतजाम जरूरी।
मूर्ति विसर्जन का रूट ऐसा निर्धारित हो जिससे यातायात बाधित नहीं हो।
कोरोनाकाल की गाइडलाइन
तीसरी लहर की आशंका से गणेश स्थापना की अनुमति में 26 शर्तें थीं।
4 फीट से ऊंची प्रतिमा बैन। पंडाल में 4 सीसीटीवी लगाना अनिवार्य।
हर दर्शनार्थी का नाम-पता, फोन नंबर समिति के रजिस्टर में लिखना जरूरी।
कोई श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव हुआ तो इलाज का पूरा खर्च समितियों का ही।
एक समय पर पंडाल और सामने 20 से अधिक लोगों पर प्रतिबंध।
भूपेश ने कहा- पीओपी की प्रतिमाएं रोकें
सीएम भूपेश बघेल ने आने वाले त्योहारों और सार्वजनिक उत्सवों में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्तियों का निर्माण रोकने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सरकारी अमले से कहा है कि प्रदेश में ऐसी प्रतिमाएं बिलकुल नहीं बने और चलन में नहीं आनी चाहिए।
सीएम ने अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में नदियों में मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाए। इससे नदी के जल को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। सीएम के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने आने वाले त्योहारों जैसे तीज, गणेशोत्सव, दुर्गा पूजा, पितृमोक्ष अमावस्या तथा सार्वजनिक उत्सवों के लिए सभी कलेक्टरों, निगम आयुक्तों और सीईओ को पत्र लिखकर इन हिदायतों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है।
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