सुपेला रेलवे फाटक को लेकर रेलवे, प्रशासन और पुलिस तीनों के बीच बड़ी संवादहीनता सामने आई है। वहीं अब फाटक को फिर खोलने को लेकर प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों के बीच एक-दूसरे को पहले चिट्ठी लिखने को लेकर ठन गई है।
जिला प्रशासन का कहना है कि रेलवे ने गेट बंद करने के लिए पहले चिट्ठी लिखी थी। अब लोगों की दिक्कतों को देखते हुए खुलवाने के लिए वहीं चिट्ठी लिखे। वहीं रेलवे के अफसरों का कहना है कि फोन पर बात हो चुकी है, तो अब चिट्ठी लिखने की बात कहां से आ गई। लोगों की समस्याएं हल करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। दोनों विभाग के अधिकारियों की अपनी-अपनी बात पर अड़े रहने से पटरीपार और टाउनशिप में रहने वालों की परेशानी बढ़ गई है।
मंगलवार की सुबह ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह ने दलबल के साथ सुपेला फाटक को बंद करा दिया। फाटक के दोनों ओर करीब 30-30 फीट दूर बैरिकेड्स लगा दिए। उसे स्थायी करने के लिए बांस और बल्ली लगाकर कांक्रीटिंग भी कर दी गई।
सुपेला फाटक फिर खोलना है तो रेलवे चिट्ठी भेजे रेलवे : एसडीएम
एसडीएम मुकेश रावटे ने कहा कि जिला प्रशासन को रेलवे से चिट्ठी आई थी। इसमें सुपेला फाटक को बंद करने के बाद वहां अंडरब्रिज निर्माण करने की बात कही गई थी। इसके अनुसार ट्रैफिक पुलिस ने स्थल निरीक्षण के बाद कार्रवाई की है। स्थल निरीक्षण के दिन ही रेलवे के अफसरों से बात हुई थी। हमने लोगों की परेशानी उनके सामने रखी थी। दोनों के बीच काम को आगे बढ़ाने पर सहमति हुई थी।
जब हमारी चर्चा हो चुकी है तो फिर चिट्ठी क्यों लिखें : सीनियर डीसीएम
सीनियर डीसीएम डॉ. विपिन वैष्णव ने कहा कि 12 अगस्त की रात ही हमारे डीएनई कंस्ट्रक्शन संदीप सिंह की स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से बात हुई थी। चर्चा में गेट को फिलहाल बंद नहीं करने पर सहमति बनी थी। वैसे भी अभी वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली है। पहले चिट्ठी लिखी जा चुकी है। फोन पर चर्चा भी हो चुकी है। ऐसे में पुन: चिट्ठी लिखने जैसी कोई बात नहीं है।
मुझे न तो न तो रेलवे वालों ने बताया न प्रशासन ने: डीएसपी ट्रैफिक
मामले में डीएसपी ट्रैफिक गुरजीत सिंह का कहना है कि इस फाटक के बंद होने से सबसे अधिक परेशानी मुझे ही होगी। शहर की यातायात व्यवस्था को बनाए रखना आसान नहीं है। फिर भी रेलवे की आई चिट्ठी और प्रशासन से मिले निर्देश के अनुसार मैने सुपेला रेलवे फाटक को बंद करने की कार्रवाई की। दो हफ्ते टालने की बात यदि प्रशासन व रेलवे के बीच हुई थी तो, इसकी मुझे किसी ने जानकारी नहीं दी।
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