रायपुर। कोल आबंटन मामले में ईडी द्वारा अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी ने इस मामले में वंदना विद्युत लिमिटेड की 603 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर लिया गया है। इस तरह की कार्रवाई के बाद अब कोल माफियाओं में हड़कंप मच गया है। ईडी के दस्तावेज के मुताबिक करीब 603 करोड़ की कैपिटल इससे तैयार की गई शेयर के साथ कई जगहों पर इन्वेस्टमेंट भी किया गया। इसी फर्जीवाड़े को लेकर ईडी ने ये बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में ईडी ने कंपनी के डॉयरेक्टर विनोद अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल व अंबरीश गुप्ता के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाये थे, जिन्होंने कूटरचना के आधार कोल ब्लाक हासिल किए थे। इस मामले में सीबीआई भी जांच चल रही है। सीबीआई ने वंदना विद्युत लिमिटेड के खिलाफ साल 2015 में मनी लांड्रिंग का केस रजिस्टर्ड करते हुए जांच शुरू की थी।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोल आवंटन में कंपनी ने 37 करोड़ के अपने टर्नओवर को 238 करोड़ बता दिया था, ताकि कंपनी का मजबूत इकोनमी स्ट्रक्चर बताकर कोल ब्लाक हासिल किया जाय सके, क्योंकि कोल ब्लाक के आवंटन की शर्तों में 270 करोड़ का टर्न ओवर होना जरूरी थी, जो वंदना के पास नहीं था। यही नहीं कई अन्य फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर कोल अफसरोंं की मिलीभगत से पूरे फर्जीवाड़ा का अंजाम दिया। फर्जी तरीके से कोल ब्लाक हथियाने के बाद वंदना ग्रुप से उससे अनाप-शनाप प्रोडक्शन लिया।
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